SIP Offer: सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) शुरू करने के लिए फूड वाउचर का लालच देना बाजार नियामक सेबी की निगाह में गैरकानूनी नहीं है। ऐसा SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने खुद कहा है। यह सवाल तब खड़ा हुआ, जब सेबी के पास रजिस्टर्ड एक इंवेस्टमेंट एडवाइजर मल्टीपल वेल्थ मैनेजमेंट (Multipl Wealth Management) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व नाम Twitter) पर माइक्रो एसआईपी शुरू करने के लिए इंसेंटिव ऑफर किया। इस फर्म के मोबाइल ऐप में एक प्लान प्रमोट किया गया है जिसमें निवेशकों को ₹250-₹250 की सात एसआईपी शुरू करने पर स्विमी मनी (Swiggy Money) के रूप में कैशबेक का ऑफर पेश किया गया है। इसके अलावा ऐप का दावा है कि निवेशक एक खास ब्रांड के साथ खर्च करने के शॉर्ट टर्म के लक्ष्य के साथ एक एसआईपी शुरू कर सकते हैं, जो बाद में उनकी ओर से निवेश करेगा।
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क्या कहना है SEBI प्रमुख का?
म्यूचुअल फंड्स बॉडी एसोएशिन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के एक इवेंट पर सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा कि इस प्रकार की मार्केटिंग स्कीम अवैध नहीं हैं। इसे लेकर पूछे गए सवाल पर बुच ने कहा कि निवेश से जुड़े प्रोडक्ट्स को कुछ नियमों का सख्ती से पालन करना होगा जैसे कि वे रिटर्न का गारंटी नहीं दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि निवेश अवधि के आखिरी में कितना पैसा मिलेगा, इसकी गारंटी कोई नहीं दे सकता है और अगर कोई ऐसा करता है तो यह वैध नहीं है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि सेबी मार्केटिंग और सेल्स की स्ट्रैटजी में हस्तक्षेप नहीं करता है। उन्होंने एक उदाहरण भी दिया कि अगर कोई कार बेचने वाला एजेंट पहली ईएमआई माफ कर रहा है तो यह उसकी सेल्स स्ट्रैटेजी है।
सेबी प्रमुख ने कहा कि सेबी रिस्क को कम करने के लिए काम करता है। जैसे कि एसआईपी से जुड़ी इंसेंटिव को लेकर बात करें तो अगर निवेशक ने दो साल के भीतर एसआईपी बंद कर दी तो डिस्ट्रीब्यूटर्स को रिवार्ड नहीं मिलता है। जनवरी में जारी सेबी के कंसल्टेशन पेपर के मुताबिक एसआईपी लाने पर डिस्ट्रीब्यूटर्स को को 500 रुपये का इंसेंटिव मिलता है लेकिन यह तभी मिलता है, जब एसआईपी की 24 किश्तें आ जाएं।
विज्ञापनों के लिए BSE से लेनी पड़ती है मंजूरी
माधबी पुरी बुच ने कहा कि मार्केटिंग और सेल्स स्ट्रैटेजी में सेबी का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है लेकिन एक रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर (RIA) का कहना है कि सेबी के पास रजिस्टर्ड आरआईए को विज्ञापन देने के लिए बीएएसएल (अब बीएसई) से मंजूरी लेनी होती है। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि Multipl को इसकी मंजूरी मिली है या नहीं। यह स्टार्टअप वर्ष 2020 में शुरू हुआ था।
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