मादक पदार्थ विरोधी कार्यबल (एएनटीएफ) ने मादक पदार्थ तस्करों के खिलाफ एक ही दिन में सूरत, सांचौर और जोधपुर में दबिश देकर बड़ी कार्रवाई की। इन अभियानों में 50 हजार के इनामी दो वांटेड तस्कर पकड़े गए और 2.50 करोड़ रुपए कीमत का मादक पदार्थ जब्त किया गया। इनमें से एक आरोपी नाइजीरिया के तस्करों से एमडी ड्रग और स्मैक मंगवाता था तथा हवाला के जरिए पैसों का लेन-देन करता था।
25 हजार का इनामी रामस्वरूप सूरत में दबोचा
कार्रवाई में बाड़मेर के रामसर स्थित तला खारा निवासी 25 हजार के इनामी रामस्वरूप बिश्नोई को पकड़ा। उसने आठवीं तक गांव में और 12वीं तक गुजरात में पढ़ाई की थी। बाद में डीजे का काम करता था, लेकिन कोविड में धंधा बंद होने पर बाड़मेर के सिणधरी निवासी प्रवीण चौधरी के संपर्क में आकर मादक पदार्थ तस्करी में उतर गया। प्रवीण की गिरफ्तारी के बाद रामस्वरूप बचने के लिए गुजरात चला गया और दिखावे के लिए ट्रांसपोर्ट का काम करने लगा। जबकि उसके परिचितों ने सड़क दुर्घटना में उसकी मौत की अफवाह फैला रखी थी। पुलिस की तलाश से बचने के लिए उसने नेपाली लड़की से शादी कर ली और घरवालों से दूरी बना ली। हाल ही एक नेपाली दंपति उसके घर आए और घूमने के लिए जैसलमेर-बाड़मेर भेजे गए, तब शक हुआ। जांच में स्पष्ट हुआ कि वे उसके सास-ससुर हैं। इसी सुराग से पुलिस ने उसे सूरत से गिरफ्तार किया।
1.77 किलो एमडी और 763 ग्राम स्मैक बरामद
एएनटीएफ के IG विकास कुमार के निर्देशन में टीम ने जालोर के करड़ा स्थित सेडिया निवासी सुरेश कुमार बिश्नोई (30) को गिरफ्तार किया। उसके पास से 1 किलो 77 ग्राम एमडी और 763 ग्राम स्मैक मिली। आरोपी 10वीं फेल होने के बाद सूरत में एसी-फ्रिज रिपेयरिंग का काम करने लगा। पैसे नहीं मिलने पर पिता के साथ हीरा घिसाई का काम करने लगा।
यहां भी कमाई न होने पर चाचा बुद्धराम के संपर्क में आकर मादक पदार्थ एमडी व स्मैक की तस्करी शुरू की और बाद में सीधे नाइजीरियाई तस्करों से मादक पदार्थ मंगवाने लगा। आरोपी सुरेश कुमार तस्करी से मोटी कमाई करने लगा, जिसके बाद उसकी दिनचर्या में बड़ा बदलाव आ गया। मादक पदार्थों के कारण लोगों का जीवन प्रभावित होता देख उसका रिश्तेदार, जो उसे भाई जैसा मानता था, लगातार खफा रहने लगा। आरोप है कि इसी रिश्तेदार ने सुरेश कुमार की गतिविधियों की जानकारी जुटाई और पूरी जानकारी एएनटीएफ को दी।
25 हजार का इनामी महेश जोधपुर से पकड़ा
बाड़मेर के रामसर निवासी महेश गिरि गोस्वामी पर राजस्थान और गुजरात में आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। वह शराब और मादक पदार्थ तस्करी के साथ हिंसा कर पैसे वसूलता था। पांचवीं के बाद पढ़ाई छोड़कर मुंबई में फर्नीचर और फिर राजकोट में टाइल फैक्टरी में काम किया। यहां उसकी पहचान चंदू जाट से हुई और वह उसके लिए ट्रक चलाने लगा। हरियाणा से अवैध शराब भरकर बिहार सप्लाई करता था और एक फेरे के 30 हजार रुपए लेता था। राजगढ़ में पकड़ा गया और जेल गया। बाद में गुजरात में जीरा मंडी में मजदूरी करने लगा, जहां चिराग भाई बणिया से संपर्क हुआ और उसके लिए शराब सप्लाई करने लगा। आरोपी सोलर प्लेट जोधपुर ले जा रहा था, तभी महिला मित्र से मिलने रुका। उसकी लोकेशन मिलते ही पकड़ लिया गया।





