केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि देश में मुसलमानों की आबादी प्रजनन दर के कारण नहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ के चलते बढ़ी है। दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि देश में वोट डालने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही मिलना चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री ने SIR का समर्थन करते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला भी बोला।
संविधान की भावना होती है प्रभावित
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वोटर लिस्ट में घुसपैठियों के होने से संविधान की भावना प्रभावित होती है। देश में मतदान करने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही मिलना चाहिए।
दिए कड़े संकेत
वोटर लिस्ट के एसआईआर (Special Intensive Revision) की प्रक्रिया का समर्थन करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार घुसपैठियों से निपटने के लिए ‘पता लगाने, हटाने और निर्वासित करने’ की नीति पर काम करेगी।
विपक्ष पर बरसे शाह
अमित शाह ने जोर दिया कि घुसपैठ और चुनाव आयोग की SIR कवायद को राजनीतिक नजर से नहीं देखा जाना चाहिए। इसको राष्ट्रीय मुद्दा मानना चाहिए। एसआईआर के मुद्दा पर कांग्रेस इनकार का रवैया अपना रही है जबकि यह प्रक्रिया उसकी अगुवाई वाली की सरकार के दौरान भी हुई थी। विपक्ष इस मुद्दे पर विरोध कर रहा है क्योंकि उनके वोट बैंक कट रहे हैं।
निष्पक्ष चुनाव तब तक नहीं हो सकते जब तक
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तब तक नहीं हो सकते जब तक वोटर लिस्ट मतदाताओं की परिभाषा के अनुसार ना हो। मतदाता होने का मतलब वोटर का भारतीय नागरिक होना और निर्धारित उम्र प्राप्त कर लेना है।
घुसपैठिए और शरणार्थी में बताया फर्क
इसके साथ ही अमित शाह ने घुसपैठिए और शरणार्थी के बीच अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि शरणार्थी अपने धर्म को बचाने के लिए भारत आता है जबकि घुसपैठिया धार्मिक उत्पीड़न के कारण नहीं वरन वह आर्थिक एवं अन्य वजहों से देश में दाखिल होता है।
तब तो देश धर्मशाला बन जाएगा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि घुसपैठिए कौन हैं? घुसपैठिए वे हैं जिनको धार्मिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ा है और जो आर्थिक या अन्य कारणों से अवैध रूप से दाखिल होते हैं। यदि दुनिया में कोई भी शख्स जो यहां आना चाहता है और उसे ऐसा करने दिया जाता है तब तो यह देश एक धर्मशाला बन जाएगा।