भरतपुर- नीम दरवाजा के विजय चौक परिसर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का सर्वकल्याण की कामना के साथ समापन हो गया। कथा के समापन पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। स्थानीय मोहल्लेवासियों ने बताया कि बीती 30 जनवरी को कलश यात्रा के साथ भागवत कथा के आयोजन का शुभारंभ हुआ। विजय चौक पर इस तरह के धार्मिक कार्यक्रम का हर साल आयोजन होना अपने आप में सुखद अनुभूति देता है। यह आयोजन समस्त मोहल्लेवासियों के सहयोग से आयोजित किया। कथा के आयोजन के लिए समस्त मोहल्लेवासी सम्मान के पात्र है। बरसाना धाम से आए कथा व्यास भागवताचार्य देवदत्त शर्मा महाराज ने व्यासपीठ पर विराजमान होकर भागवत कथा का श्रवण कराया। इस दौरान महायज्ञ के साथ श्रीमद् भागवत कथा धर्म प्रेमियों ने सुनी। इस दौरान 18 वर्षीय व्यास देवदत्त शर्मा ने व्यासपीठ से कहा कि आत्मा को जन्म व मृत्यु के बंधन से मुक्त कराने के लिए भक्ति मार्ग से जुड़कर सत्कर्म करना होगा।
कथा व्यास ने श्रीमद्भागवत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि इसके श्रवण मात्र से मनुष्य के जीवन में भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का समावेश होता है। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। श्रीमद्भागवत कथा में विभिन्न धार्मिक प्रसंग सुनाए गए। साथ ही भजनों की प्रस्तुति से भक्तगण आत्मविभोर होकर झूम उठे। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास क्षेत्र के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। सात दिनों तक इस कथा में पूरा वातावरण भक्तिमय रहा। प्रवचन के बाद मोहल्लेवासियों के द्वारा उपस्थित भक्तों के बीच प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर जितेंद्र पंडित, विशाल शर्मा, राज शर्मा, आनंद शर्मा, राकेश शर्मा, अभिषेक शर्मा आदि मौजूद रहे।
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