पर्सनल लोन एक ऐसा कर्ज है जो आसानी से मिल जाता है. इसके लिए आपको सिक्योरिटी जमा नहीं करनी होती और कागजी कार्रवाई भी बहुत ज्यादा नहीं होती. इसलिए ये लोन काफी पॉपुलर है. कोलैटरल फ्री होने के कारण पर्सनल लोन दूसरे लोन की तुलना में महंगा होता है, ये बात तो सबको पता है. लेकिन क्या आपको ये पता है कि पर्सनल लोन पर Tax Benefits भी लिए जा सकते हैं?
देखा जाए तो सीधे तौर पर तो Income Tax Act में पर्सनल लोन डिडक्शन को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन अगर आप इसे घर, शिक्षा या व्यवसाय से जुड़े खर्चों के लिए उपयोग करते हैं, तो आपको कुछ स्थितियों में टैक्स छूट मिल सकती है. यहां जानिए वो तरीके जिनके जरिए पर्सनल लोन आपके टैक्स की देनदारी को कम करने में मददगार साबित हो सकता है.
घर की मरम्मत या रेनोवेशन
अगर आप अपने घर की मरम्मत या रेनोवेशन के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, तो आप आयकर अधिनियम की धारा 24(b) के तहत टैक्स कटौती का फायदा ले सकते हैं. इस स्थिति में, आप 30,000 रुपए प्रति वर्ष तक के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं.
घर खरीदना या बनवाना
अगर आप पर्सनल लोन का इस्तेमाल घर खरीदने या बनाने के लिए करते हैं, तो आप इसके ब्याज पर कर कटौती का फायदा ले सकते हैं. अगर घर में खुद रहते हैं तो 2,00,000 रुपए तक की ब्याज राशि पर कर छूट मिलती है. हालांकि अगर निर्माण या खरीद का काम 5 साल में पूरा नहीं हुआ तो ये सीमा 30,000 रुपए हो जाती है. अगर घर किराए पर दिया गया है तो ब्याज की पूरी राशि पर टैक्स छूट का दावा आप कर सकते हैं.
शिक्षा से जुड़े खर्च
अगर आपने खुद, अपने जीवनसाथी (Spouse) या बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्सनल लोन लिया है, तो आयकर अधिनियम की धारा 80E के तहत ब्याज पर कर कटौती का दावा कर सकते हैं. ये फायदा अधिकतम 8 वर्षों तक या जब तक ऋण चुकता न हो जाए, तब तक मिलता है.
नया बिजनेस शुरू करना
अगर आप कोई नया व्यवसाय शुरू करने या मौजूदा व्यवसाय में निवेश करने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं तो आयकर अधिनियम की धारा 37 के तहत आप भुगतान किए गए ब्याज को व्यवसाय खर्च के रूप में दिखाकर टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं.
