कठुआ में 8 जुलाई को भारतीय सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमले में भारतीय सेना के सैनिकों ने भी जमकर मुकाबला किया। आतंकी ऊंचाई पर थे और लगातार फायरिंग कर रहे थे लेकिन सैनिकों ने उनका डटकर मुकाबला किया और यह गनफाइट 40 मिनट तक जारी रही। जिसके बाद रीइनफोर्समेंट (मदद के लिए और सैनिक) पहुंच गई और आतंकी अपना सामान वहां छोड़कर भाग गए। सेना सूत्रों के मुताबिक एक आतंकी जख्मी भी हुआ। अब सेना ने इस इलाके में 1000 अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती कर दी है जिसमें पैरा एसएफ के कमांडो भी शामिल हैं।
ऑपरेटिंग बेस की तरफ जा रहे थे सैनिक
सेना सूत्रों के मुताबिक आतंकी दो ग्रुप में थे। सेना की दो गाड़ियां भी थोड़ी दूरी पर थी। दोनों गाड़ियों में 5- 5 सैनिक थे। गाड़ियां मछेड़ा टेक्टिकल हेडक्वॉर्टर से टीओबी यानी टेंपरेरी ऑपरेटिंग बेस की तरफ जा रही थी। दो पहाड़ियों के बीच से गाड़ियां गुजर रही थी। जो गाड़ी आगे थी उससे दूसरी गाड़ी करीब 150 मीटर की दूरी पर थी। पहली गाड़ी जब ऐसे रास्ते पर पहुंची जहां पर कीचड़ था तब आतंकियों ने पहाड़ी के ऊपर से गोली बरसाई।
दो ग्रुप में थे आतंकी
जानकारी के अनुसार आतंकी भी दो ग्रुप में थे। माना जा रहा है कि दोनों ग्रुप में 2 या 3 आतंकी थे। आतंकियों का जो पहला ग्रुप था वह सेना की पहली गाड़ी से करीब 40 मीटर दूरी ऊंचाई पर था। दूसरा आतंकी ग्रुप पहली गाड़ी से करीब 180 मीटर दूरी पर ऊंचाई में था। आतंकी का जो ग्रुप 40 मीटर दूरी पर था उसने पहली गाड़ी पर गोलियां बरसाई। पहली गोली को-ड्राइवर जेसीओ को लगी, दूसरी गोली ड्राइवर को लगी। इस गाड़ी में मौजूद पांच लोगों में से जेसीओ सहित तीन लोग शहीद हुए। आतंकियों ने पहले गोली बरसाई और फिर ग्रेनेड फेंका।
आतंकियों पर जवाबी हमला
आतंकियों के 40 मीटर दूरी वाले ग्रुप को सेना की दूसरी गाड़ी दिख नहीं रही थी। जबकि आंतकियों के दूसरे ग्रुप को सेना की पीछे वाले गाड़ी दिख रही थी और आतंकियों के उस ग्रुप ने दूसरी गाड़ी पर हमला किया। दूसरी गाड़ी में मौजूदा 5 सैनिकों में से 2 शहीद हुए। दूसरी गाड़ी से तीन सैनिक पैदल आगे बढ़े और आतंकियों पर जवाबी हमला किया। जो आतंकी 40 मीटर दूरी पर थे वह फायरिंग करते हुए नीचे पहली वाली गाड़ी की तरफ बढऩे की कोशिश कर रहे थे।
अलग मंसूबों के साथ आए थे आतंकी
शायद वे सैनिकों के हथियार छीनना या फिर बॉडी क्षत-विक्षत करना चाह रहे थे। क्योंकि इन आतंकियों के पास डैगर (कटार) भी था। लेकिन तीन सैनिकों ने उन्हें नीचे उतरने नहीं दिया और लगातार फायरिंग की। 40 मिनट तक यह गनफाइट चलती रही। आतंकी उंचाई पर थे और मजबूत पोजिशन में थे लेकिन सैनिकों ने उनका डट कर मुकाबला किया। आंतकियों के पास एम4 और एके-47 राइफल थी। एम4 की बुलेट स्टील की होती है।
फिर सामान छोड़ भागे आतंकी
करीब 40 मिनट के बाद वहां सेना का रीइनफोर्समेंट (अतिरिक्त सैनिक मदद के लिए) पहुंचा और कुछ गांव वाले भी पहुंच गए थे। यहां से सेना का कंपनी ऑपरेटिंग बेस करीब 1 किलोमीटर दूर है। इसके करीब 15 मिनट बाद दूसरा रीइनफोर्समेंट पहुंचा। आतंकी फिर अपना सामान वहीं छोड़कर भाग गए। इसमें अनफायर्ड एम्युनिशन, रेडियो सेट भी शामिल है।
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