राजस्थान की भजनलाल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नवाचार करते हुए School at Home सेवा लॉन्च किया है। ये एक 24×7 शैक्षणिक हेल्पलाइन सेवा है, जो ख़ास तौर से दिव्यांग और आर्थिक रूप से कमज़ोर श्रेणी सहित वंचित छात्रों को शिक्षा से जोड़ेगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को जयपुर स्थित अंबेडकर भवन निदेशालय में इस अनूठी पहल की शुरुआत हुई।
जयपुर में अप्रूवड प्लॉट मात्र 7000/- प्रति वर्ग गज 9314188188
वंचित बच्चों को शिक्षित करना मकसद
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने विशेष योग्यजन निदेशालय के अधीन विशेष विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए School at Home (24×7 शैक्षणिक हेल्पलाइन) सेवा को लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि ‘स्कूल एट होम’ कार्यक्रम एक समावेशी शैक्षिक पहल है, जो स्कूली शिक्षा को सीधे दिव्यांगजन बच्चों और वंचित छात्रों के घरों तक बिना इंटरनेट और बिना स्मार्ट फोन को पहुंचाता है। यह कक्षा-1 से 12 वीं कक्षा के पाठ्यक्रम के साथ सह-पाठ्यक्रम शैक्षिक कार्यक्रमों और ऑनलाइन कक्षाओं के साथ उपलब्ध है।
‘लव सेक्स और धोखा 2’ से होगा उर्फी जावेद का बिग स्क्रीन डेब्यू
ये भी ख़ास बातें-
– घर पर 24×7 शिक्षा होगी उपलब्ध
– सिर्फ एक मिस्ड कॉल से भी दिव्यांगजन/गरीब छात्र ले सकेंगे सेवा
– एनजीओ ‘हेल्पिंग हैण्ड इंडिया’ के मार्फ़त पहुंचेगी विशेष योग्यजन बच्चों तक नियमित और निःशुल्क शिक्षा
– टोल फ्री नंबर 011- 41212300 पर कर सकते हैं संपर्क
100 दिवस कार्य योजना पर हो रहा काम
मंत्री अविनाश गहलोत की अध्यक्षता में हुई बैठक में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए विभाग द्वारा संचालित योजनाओं पर चर्चा हुई। साथ ही योजनाओं के बेहतर संचालन, सुधार एवं सुझाव के लिए इन वर्गों के सामाजिक प्रतिनिधियों के भी सुझाव लिए गए। गौरतलब है कि राज्य सरकार के नीतिगत दस्तावेज संकल्प पत्र में 100 दिवस कार्य योजना बनाई है, जिसकी अनुपालना में ही इस बैठक का आयोजन किया गया।
मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्राप्त सुझावों में से क्रियान्वित किए जाने वाले सुझावों पर अमल करने और इन वर्गों की समस्याओं के निराकरण का आश्वासन दिया। बैठक में अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों ने विभिन्न सुझाव दिए जिनमे एससी एसटी विकास कोष में सुधार करने, महिला सुरक्षा, उनके स्वास्थ्य आदि पर फोकस करने, नियमित रूप से छात्रवृत्ति मिलने, पेंशन राशि नियमित और समय पर, ओबीसी वर्ग को पूर्ण आरक्षण मिले, कुछ जातियों के नामों में आ रही विसंगतियों को दूर करने आदि संबंधी सुझाव शामिल है।