सुप्रीम कोर्ट में आज (बुधवार, 04 दिसंबर को) जेल में बंद ISIS के कथित इंडिया हेड और आतंकी साकिब नाचन की याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिसमें उसने शीर्ष न्यायालय से कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) और अन्य पर से आतंकी संगठन का ठप्पा हटाने की मांग की थी। नाचन ने अपनी याचिका में कहा है कि इन संगठनों को आतंकी संगठन घोषित करने वाली सरकारी दो अधिसूचनाओं को रद्द करने का आदेश दिया जाय। नाचन पहले भी आतंकी घटनाओं में शामिल रहा है और इस समय ISIS से अपने संबंधों और भारत विरोधी गतिविधियों के केस में जेल में है।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। याचिकाकर्ता साकिब नाचन जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद है, सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जेल से पेश हुआ था। इसे देखते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने उसे कानूनी मदद लेने की पेशकश की और सलाह दी कि एमिकस क्यूरी की मदद लेकर अपना केस अदालत में रखे। जस्टिस कांत ने कहा, “हमने सुझाव दिया था कि आपको एमिकस क्यूरी मुहैया कराई जाए.. कृपया वह सेवा लें..हम आपकी बात भी सुनेंगे।”
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इस पर आतंकी नाचन ने कहा, “जी हां, ऐसा हो सकता है।” इसके बाद जस्टिस कांत ने कहा, “हम एमिकस क्यूरी के साथ आपकी एक मीटिंग की व्यवस्था करवा रहे हैं। फिर आपकी अर्जी पर आगे विचार करेंगे।”
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) पिछले साल दिसंबर में देश में ISIS के आतंकी मॉड्यूल का खुलासा किया था और साकिब नाचन को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया था। नाचन पर आरोप है कि वह देशभर में ISIS के मॉड्यूल का संचालन करता था और युवाओं को आतंकवादी संगठन में शामिल कराता था। NIA ने इस मामले में साकिब नाचन के अलावा हसीब जुबेर मुल्ला, काशिफ अब्दुल सत्तार बालेरे, सैफ अतीक नाचन, रेहान अशफाक सुस, शगफ साफीक दिवकर, फिरोज दास्तगीर कुआरी समेत कई को आरोपी बनाया था।
साकिब नाचन को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था। वह प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का पदाधिकारी रह चुका है और पहले भी 2 आतंकी मामलों में सजायाफ्ता रहा है। वह 2002-2003 में मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन विले पार्ले और मुलुंड बम धमाकों में भी शामिल रहा है।