Explore

Search

October 8, 2025 9:49 pm

Sawan 2024: जानें इससे जुड़ी कथा…..’भगवान शिव ने सिर पर क्यों धारण किया हुआ है चंद्रमा…….’

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

Sawan 2024: हिंदू धर्म में भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि रोजाना इनकी पूजा-अर्चना करने से इंसान को दुखों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही भगवान शिव प्रसन्न भी होते है। सभी देवी-देवताओं में भगवान भोलेनाथ का स्वरूप सबसे अनोखा माना जाता है, क्योंकि उनके माथे पर चंद्रमा उन्हें सबसे अलग बनाता है। कभी आपने सोचा है कि भगवान शिव ने अने मस्तक पर ये चंद्रमा क्यों धारण किया हुआ है, इसका वर्णन कुछ पौराणिक कथाओं में किया गया है।

बता दें कि शिव पुराण के मुताबिक, जब अमृक प्राप्त करने के लिए देवताओं और असुरों में समुद्र मंथन हुआ था। उस समय मंथन में अमृत के साथ-साथ जहरीला विष भी निकला था, जो संपूर्ण सृष्टि को नष्ट करने में सक्षम था। इस विष से सृष्टि की रक्षा करने के लिए भगवान शिव ने खुद इस विष को पी लिया था। विष के अत्यंत जहरीले होने के कारण भगवान शिव के शरीर का तापमान अत्यधिक गर्म होने लगा और उनका कंठ विष के प्रभाव से नीला पड़ गया था, जिसके बाद से भी भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी पुकारा जाता है।

जानें जम्मू कश्मीर में कैसा रहेगा मौसम? बारिश पर ब्रेक लगते ही अमरनाथ यात्रा को मिली हरी झंडी…..!

इस तरह भगवान के सिर पर सजा चंद्रमा

वहीं इसके बाद चंद्रदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की, कि वो अपने शरीर के तापमान को सामान्य करने के लिए अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करें। क्योंकि चंद्रमा का स्वभाव शीतलता देते है। चंद्रमा को धारण करने से भगवान शिव के शरीर में शीतलता बनी रहेगी। तब भगवान शिव ने इस चंद्रमा को धारण किया था। माना जाता है कि तभी से भगवान शिव के मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हैं। इसके अलावा चांद शांति और शीतलता का प्रतीक है। यह भगवान शिव की दयालुता और क्षमाशीलता का प्रतिनिधित्व करता है, जो क्रोध,सर्जन और संहार के देवता होने के बावजूद, सदैव शांत और संयमित रहते है।

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर