Saif Ali Khan Attack: एक्टर सैफ अली खान पर हुए अटैक के मामले में मुंबई पुलिस का कहना है अरेस्ट हुए बांग्लादेशी नागरिक ने गरीबी के चलते ऐसा किया. उसके पास नौकरी नहीं थी. अब सवाल ये है कि पुलिस ने उसे कैसे पकड़ा? पुलिस ने बताया कि शरीफुल ने एक बार चाय पीने के लिए 6 रुपये की पेमेंट की थी और एक बार भुर्जी खाने के लिए 60 रुपये की, जिसके जरिए उसे ट्रैक किया गया था.
पुलिस ने बताया कि शरीफुल का कहना है कि वह ठाणे के एक रेस्तरां में काम करता था, लेकिन 15 दिसंबर, 2024 को उसकी नौकरी खत्म हो गई थी. शरीफुल का बॉन्ड जितेंद्र पांडे की मैनपावर वाली एजेंसी के साथ खत्म हो गया था, जिसके कारण उसको नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
क्या है 6 रुपये की चाय और 60 की भुर्जी पाव का कनेक्शन
पुलिस ने उसे उस समय ट्रैक किया, जब जितेंद्र पांडे ने उसकी वर्ली की लोकेशन और फोन नंबर पुलिस को दिया. पुलिस अधिकारी ने बताया, “उसने वर्ली में एक कप चाय के लिए 6 रुपये का भुगतान ई-वॉलेट से किया था. उसका आखिरी लोकेशन ठाणे के एक लेबर कैंप में पाया गया था. वहीं उसने 18 जनवरी को एक प्लेट भुर्जी पाव के लिए 60 रुपये की पेमेंट की थी.
‘दोस्त और रिश्तेदार कहते थे शाहरुख जैसा दिखता है’
इतना ही नहीं पुलिस ने जब शरीफुल से पूछताछ की तो पता चला कि वह सैफ अली खान का फैन था और सैफ पर अटैक से पहले उसने शाहरुख खान के बांद्रा वाले बंगले मन्नत की दीवारों पर चढ़कर सुपरस्टार को देखने की कोशिश भी की थी. पुलिस ने ये भी बताया कि शरीफुल के दोस्ट और रिश्तेदार तो ये भी कहते थे कि वह शाहरुख खान के जैसा दिखता है. पुलिस ने शरीफुल का फोन, टोपी, गमछा और उस शर्ट को भी बरामद कर लिया है, जो उसने अपराध के बाद बदली थी. सभी जब्त सामान को फॉरेंसिक लैब भेज दिया गया है. हालांकि, पुलिस को अब तक चाकू का गायब हुआ हिस्सा अब तक नहीं मिला है.
रेस्तरां में चोरी करता पकड़ा गया था शरीफुल
शरीफुल ने बताया कि बीते साल सितंबर में ठाणे के रेस्तरां में काम शुरू करने से पहले वह वर्ली के एक रेस्तरां में काम करता था. उस रेस्तरां में उसे 13 हजार रुपये मिलते थे. वह हर महीने 12 हजार रुपये अपनी मां के इलाज के लिए बांग्लादेश भेजता था और अपने पास केवल एक हजार रुपये रखता था. बीते साल अगस्त में रेस्तरां के मैनेजर ने उसे चोरी करते पकड़ लिया था, जिसके बाद उसे नौकरी से निकाल दिया गया था. इस बार (दिसंबर) में नौकरी खोने के बाद उसने चोरी करने का प्लान बनाया.
दावकी नहीं पार कर के बांग्लादेश से भारत में घुसा था शरीफुल
नौकरी के लिए मेघालय में भारत-बांग्लादेश सीमा पर दावकी नदी पार करके भारत में घुसा था. उसने एक एजेंट को 10,000 रुपये दिए थे, जो उसे असम ले गया था. इसके बाद वह कोलकाता पहुंचा और वहां से मुंबई की ट्रेन में सवार होकर यहां आ गया. कई दिन सड़कों पर भटकने के बाद किसी व्यक्ति के जरिए वह मैनपावर वाले जितेंद्र पांडे के संपर्क में आया, जिसने उसकी नौकरी रेस्तरां में लगवाई थी.
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