प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं. एक पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने इसके संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा- मैं कम्फर्ट जोन में कभी नहीं रहा. रिस्क लेने की मेरी क्षमता का पूरा इस्तेमाल होना अभी बाकी है. पीएम मोदी ने ये बात ऐसे वक्त में की है, जब वक्फ बोर्ड के खिलाफ कानून बनाने की मांग हो रही है. पीओके वापस लेने की बात हो रही है. मथुरा काशी विवाद सुलझाने के अलावा पूरे देश में यूसीसी-एनआरसी लागू करने की मांग हो रही है.
पॉडकास्ट में जब निखिल कामथ ने पीएम मोदी से पूछा कि क्या उम्र के साथ आपकी रिस्क लेने की क्षमता बढ़ रही है? इस पर पीएम मोदी ने कहा- मुझे लगता है कि मेरी रिस्क लेने की क्षमता का अभी पूरा इस्तेमाल नहीं हुआ है. बहुत कम हुआ है. मेरी रिस्क लेने की क्षमता इससे अनेक गुना ज्यादा है. इसका कारण है कि मुझे परवाह ही नहीं है. क्योंकि मैंने अपने विषय में कभी सोचा ही नहीं. पीएम मोदी ने कहा, मैं कम्फर्ट जोन में कभी नहीं रहा. हमेशा कम्फर्ट जोन के बाहर ही रहा. और जब कम्फर्ट जोन से बाहर रहा तो मुझे पता था कि मुझे क्या करना है, कैसे करना है. मुझे लगता है कि कम्फर्ट जोन में जाने के लिए मैं अनफिट हूं.
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भारत शांति के पक्ष में
पीएम मोदी ने दुनिया में चल रहे जंग पर भी बात की. जब उनसे पूछा गया कि क्या दुनियाभर में चल रही जंग से भारत को चिंतित होना चाहिए और भारत का रुख क्या है? इस पर पीएम मोदी ने कहा-भारत तटस्थ नहीं है. वह शांति के पक्ष में है. प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया हम पर भरोसा करती है क्योंकि हम में कोई दोगलापन नहीं है. हम जो भी कहते हैं, साफ-साफ कहते हैं. हम शांति के पक्ष में हैं और इसके लिए जो भी प्रयास किए जाएंगे, हम उनका समर्थन करेंगे. मैं यह बात रूस, यूक्रेन, ईरान, फिलिस्तीन और इजरायल से कहता हूं. उन्हें भी लगता है कि मैं जो कह रहा हूं, वही सही है.