विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार (26 मई) को संसद की परामर्शदात्री समिति की बैठक में कांग्रेस पार्टी के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पाकिस्तान को ‘सूचित’ किया था. जयशंकर ने इन आरोपों को “बेईमानी” और “घटनाओं का गलत चित्रण” करार दिया.
कांग्रेस ने समिति की बैठक में सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया, जिसमें आरोप लगाया गया कि जयशंकर ने भारत के आतंकी ढांचे पर सैन्य हमले से पहले पाकिस्तान को जानकारी दी थी. जयशंकर ने राष्ट्रीय एकता की अपील करते हुए कहा कि सांसदों के कई वैश्विक राजधानियों में हो रहे संवादों के भाव के अनुरूप एकजुटता दिखानी चाहिए. विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों की आतंक-विरोधी प्रतिनिधिमंडल ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद पर भारत के रुख को विश्व के सामने रख रही है.
तो इन 5 होममेड उबटन को करें ट्राई……’डार्क स्पॉट्स से चेहरा नजर आता है खराब……
जानिए राहुल गांधी ने क्या कहा?
इस बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने जयशंकर पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी पाकिस्तान को दी थी. गांधी ने एक अनदिनांकित वीडियो का हवाला देते हुए पूछा, “हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना अपराध था. विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि सरकार ने ऐसा किया. इसे किसने अधिकृत किया? इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खोए?”
राहुल गांधी का विवादास्पद बयान
रायबरेली सांसद ने अपने एक्स पोस्ट में यह सवाल उठाया कि वीडियो में जयशंकर को यह कहते सुना गया, “ऑपरेशन की शुरुआत में, हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा था कि ‘हम आतंकी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, न कि सैन्य ठिकानों पर. इसलिए सैन्य बलों के पास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप न करने का विकल्प था. उन्होंने इस अच्छी सलाह को नहीं माना.
विदेश मंत्रालय और पीआईबी का खंडन
विदेश मंत्रालय ने गांधी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि इस तरह का कोई भी दावा तथ्यों का ‘पूरी तरह से गलत चित्रण’ है. प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट-चेक इकाई ने भी वीडियो की जांच की और स्पष्ट किया कि जयशंकर ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था. पीआईबी ने कहा कि विदेश मंत्री को गलत तरीके से पेश किया गया है, और ऑपरेशन सिंदूर से पहले पाकिस्तान को सूचित करने का कोई सवाल ही नहीं उठता.
