महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव के एक पोस्टर पर बिहार में सियासत सुलग गई है। पटना की सड़कों पर तेजस्वी यादव को नायक बताने वाले पोस्टर लगाए गए हैं। इस पर बीजेपी और जेडीयू की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई है। इन दलों ने तेजस्वी को नायक बताने पर उनके पिता लालू यादव को भी लपेट लिया है।
डिप्टी सीएम सह भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने कहा है कि जिसके पिता खलनायक हैं वह नायक कैसे हो सकता है। लालू प्रसाद यादव बिहार के गब्बर सिंह हैं। कई मामलों में आरोपी हैं। कोर्ट से सजायाफ्ता होने के कारण उनके चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गयी है। खुद तेजस्वी यादव पर भी आईआरसीटीसी घोटाला केस में आरोप गठित हो गया है। ऐसे व्यक्ति को नायक बताना शर्मसार होने वाली बात है।
इधर जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के पोस्टर पर तीखा वार किया है। कहा है कि 420 का अभियुक्त नायक बनेगा। इन लोगों ने नायक शब्द को भी अपमानित कर दिया है। जिन पर बिहार में 18 मामले दर्ज हैं, दिल्ली में 7 केस दर्ज हैं। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी एक-एक कांड दर्ज है। आर्थिक अपराध के 27 मामले तेजस्वी यादव के खिलाफ लंबित हैं। वह व्यक्ति नायक बन जाए तो लोग इस शब्द से ही नफरत करने लग जाएंगे। यह व्यक्ति असलियत में खलनायक है। लालू यादव यादव की राजनीति की उपज है।
दरअसल लंबी बहस और इंतजार के बाद तेजस्वी यादव खुद को महागठबंधन का सीएम उम्मीदवार घोषित करवाने में सफल रहे। पटना में महागठबंधन दलों की संयुक्त प्रेस वार्ता में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने तेजस्वी यादव को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम पद का दावेदार करार दिया। हालांकि मुस्लिम या दलित वर्ग से डिप्टी सीएम नहीं होने पर राजनैतिक विवाद भी जारी है।






