भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने बुधवार को कहा कि पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़, चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने परिणामों की चिंता किए बिना खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाने के उनके प्रयास में उनका पूरा साथ दिया जिसका नतीजा यह हुआ कि उनकी अगुआई में भारत ने टी20 विश्व कप जीता।
रोहित की अगुआई में भारत ने जून में अमेरिका और वेस्टइंडीज में खेले गए टी20 विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर आईसीसी टी20 विश्व कप जीता था। भारत का 2007 के बाद यह दूसरा टी20 विश्व खिताब था और रोहित ने बारबाडोस में उस जीत के साथ ही सबसे छोटे प्रारूप में अपने करियर का अंत भी कर दिया था।
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‘मुझे अपने तीन स्तंभों से बहुत मदद मिली’
रोहित ने एक कार्यक्रम में साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर चुने जाने के बाद कहा, इस टीम को बदलना और आंकड़ों, परिणामों के बारे में ज्यादा चिंता नहीं करना, यह सुनिश्चित करना मेरा सपना था कि हम ऐसा माहौल बनाएं जहां लोग मैदान पर जाकर ज्यादा सोचे बिना खुलकर खेल सकें। इसी की जरूरत थी। मुझे अपने तीन स्तंभों से बहुत मदद मिली जो असल में जय शाह, राहुल द्रविड़ और चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर हैं। मैंने जो किया वह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था और निश्चित रूप से उन खिलाड़ियों को नहीं भूलना चाहिए जो अलग-अलग समय पर आए और टीम को वह हासिल करने में मदद की जो हमने हासिल किया।
‘विश्व कप जीतने का अहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता’
रोहित ने कहा कि विश्व कप जीतने कुछ ऐसा था जिसे कभी भी शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, यह एक ऐसा अहसास था जो हर दिन नहीं आ सकता। जब हमने विश्व कप जीता, तो हम सभी के लिए उस पल का आनंद लेना महत्वपूर्ण था, जिसे हमने काफी अच्छी तरह किया और हमारे साथ जश्न मनाने के लिए हमारे देश को भी धन्यवाद। जितना यह हमारे लिए मायने रखता था, उतना ही यह पूरे देश के लिए भी मायने रखता था। इसे वापस घर लाना और यहां सभी के साथ जश्न मनाकर बहुत अच्छा लगा।