चिकित्सा विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी ड्राफ्ट लागू होते ही प्रदेश के पिछड़े और मरुस्थलीय 19 जिलों में रिक्त पदों पर डॉक्टर्स की नियुक्ति की जाएगी। इसके बदले सरकार डॉक्टर्स को प्रोत्साहन के तौर पर अतिरिक्त 15% तक बोनस और 10-15% तक बेसिक पे देगी।
इसके पीछे सरकार की मंशा पिछले और मरुस्थलीय जिलों में बेहतर चिकित्सा सुविधा देना है। ट्रांसफर पॉलिसी ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और सीएम से मंजूरी मिलना बाकी है। मंजूरी मिलते ही इसे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। इस पॉलिसी के बाद प्रदेश के उन जगहों पर भी डॉक्टर्स की नियुक्ति हो सकेगी, जहां जाने से डॉक्टर्स बचते हैं।
पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन, जिलों को 4 जोन में बांटा
- स्थानान्तरण/पदस्थापन की पूरी प्रक्रिया राज हेल्थ पोर्टल से ऑनलाइन होगी।
- विभाग को हर साल एक से 31 जनवरी तक स्थानान्तरण किए जाने योग्य पद, संस्थान, स्थान और जिले का जरूरत के हिसाब से पूरा ब्यौरा पोर्टल पर बताना होगा।
- विभाग को जिलेवार रिक्त पदों का संधारण करते हुए निर्धारित ए,बी,सी और डी जोन में डालना होगा।
- स्वीकृत पदों के मुकाबले 80% तक भरे पदों वाले जिले को ए जोन में, 70% तक भरे पदों वाले जिले को बी, 60% तक भरे पदों वाले जिले को सी और 40% तक खाली पदों वाले जिले को डी जोन में रखा गया है।
- जोन निर्धारण के बाद चिकित्सा संस्थानों का ग्रामीण, दुर्गम और दुरूस्थ क्षेत्र में वर्गीकरण किया जाएगा, जिसमें सब जोन ए,बी,सी और डी होंगे।
- जोन सी और डी जोन में दो साल तक काम कर चुके कार्मिकों को आवेदन पर जोन ए व बी में शिफ्ट किया जाएगा।
- स्थानान्तरण के लिए इच्छुक कार्मिक एक से 28 फरवरी तक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।
- विशेष योग्यजन, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, पति-पत्नी, भूतपूर्व सैनिक, नेशनल प्लेयर, असाध्य रोग, शहीद के आश्रित को तबादलों में प्राथमिकता मिलेगी।
- जिन डॉक्टर्स या स्टाफ ने पदस्थापन स्थान पर दो साल पूरे कर लिए हैं, वे ही स्थानान्तरण के लिए पात्र होंगे।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला स्तरीय अधिकारी और उच्च रैंकों पर पदस्थापन और स्थानान्तरण के लिए अलग से पूल बनेगा।
पति-पत्नी और दिव्यांग को प्राथमिकता
पॉलिसी के तहत पति-पत्नी को यथासंभव एक ही जगह, जिले या आसपास के जिले में रिक्त पद के हिसाब से पोस्टिंग दी जाएगी। इसके साथ ही दिव्यांग कार्मिकों को समीप स्थान या फिर नजदीक जिले में पोस्टिंग दी जाएंगी।
आमजन को बेहतर इलाज मिलेगा
पॉलिसी ड्राफ्ट इस तरह से तैयार किया गया है कि आमजन को बेहतर और हर वक्त डॉक्टर्स से इलाज मिल सके। साथ ही डॉक्टर्स को भी परेशानी नहीं हो, इसका भी ध्यान रखा गया है। -गजेंद्र सिंह खींवसर, चिकित्सा मंत्री
विरोध भी…डॉक्टर्स बोले-हमसे राय नहीं ली, ड्राफ्ट की कॉपी भी नहीं दी
सोमवार को स्वास्थ्य भवन में हुई पॉलिसी बैठक में डॉक्टर्स व चिकित्सा विभाग के संगठनों ने भाग लिया। इस दौरान डॉक्टर्स ने इस पर आपत्ति जताई। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ प्रदेश महासचिव डॉ. दुर्गा शंकर सैनी ने कहा कि 15 हजार डॉक्टर्स की ट्रांसफर पॉलिसी बनाते हुए किसी डॉक्टर से राय नहीं ली गई। बैठक में केवल ड्राफ्ट के कुछ बिंदु स्लाइड पर दिखाए गए। ड्राफ्ट की कॉपी नहीं दी गई।
19 जिले चिह्नित; MBBS को 10%, विशेषज्ञ को 15% अधिक बेसिक पे
पिछड़ा, मरुस्थलीय 19 जिले चिह्नित किए हैं। यहां दो साल की नौकरी पर 5-15 % तक अधिक बेसिक-पे मिलेगा। जहां अधिक पद खाली, वहां प्रोत्साहन राशि देंगे।
- पिछड़े जिलों में बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, उदयपुर, सलूम्बर, चित्तौड़गढ़, पाली, सिरोही एवं राजसमंद हैं।
- जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, चूरू, नागौर, फलोदी व जालोर में दो साल तक काम पर एमबीबीएस डॉक्टर्स को 10% अधिक बेसिक पे मिलेगा।
- विशेषज्ञ को 15%, पैरामेडिकल स्टॉफ को 10% अधिक बेसिक पे मिलेगा। बारां, बूंदी और झालावाड़ में भी एमबीबीएस डॉक्टर्स 5% से अधिक बेसिक पे, विशेषज्ञ चिकित्सकों को 10% व पैरामेडिकल स्टॉफ को 5% से अधिक बेसिक पे दिया जाएगा।