समय से पहले लोन बंद करने वाले ग्राहकों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बड़ा तोहफा देने वाला है। दरअसल, आरबीआई ने व्यक्तियों और सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) के बिजनेस लोन पर लगाए जाने वाले प्री-पेमेंट चार्ज को हटाने का प्रस्ताव रखा है। आरबीआई के ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा गया, ”टियर-1 और टियर-2 सहकारी बैंकों और शुरुआती स्तर के एनबीएफसी के अलावा उसके दायरे में आने वाली इकाइयां व्यक्तियों और एमएसई कर्जदारों द्वारा व्यावसायिक उद्देश्य के लिए लिए गए फ्लोटिंग रेट लोन के प्री-पेमेंट पर कोई शुल्क/जुर्माना नहीं लगाएंगे।”
हालांकि, मझोले उद्यमों के मामले में ये निर्देश प्रति कर्जदार 7.50 करोड़ रुपये की कुल स्वीकृत सीमा तक लागू होंगे। बता दें कि मौजूदा मानदंडों के अनुसार विनियमित संस्थाओं (आरई) की कुछ श्रेणियों को पर्सनल कर्जदारों द्वारा व्यवसाय के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए स्वीकृत फ्लोटिंग रेट टेन्योर लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज लगाने की अनुमति नहीं है।
बैंक लोन और बैंक जमा में गिरावट
इस बीच, आरबीआई ने बताया है कि बैंक लोन और बैंक जमा में अक्टूबर-दिसंबर के दौरान तिमाही आधार पर गिरावट आई है। सालाना बैंक लोन वृद्धि सितंबर 2024 तिमाही में 12.6 प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2024 तिमाही में 11.8 प्रतिशत हो गई। इसी तरह जमा वृद्धि 11.7 प्रतिशत के मुकाबले घटकर 11 प्रतिशत रही। कुल लोन में प्रमुख हिस्सा रहने वाले व्यक्तिगत ऋण की सालाना वृद्धि 13.7 प्रतिशत (एक तिमाही पहले 15.2 प्रतिशत) रही।
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बिजनेस लोन में बढ़ोतरी
दूसरी ओर व्यापार, वित्त और पेशेवर/ अन्य सेवाओं के लिए बैंक ऋण 2024-25 की तीसरी तिमाही में तेजी से बढ़ा। आंकड़ों से पता चला कि सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को ऋण दिसंबर 2024 में 5.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा, जबकि इससे पिछली तिमाही में यह 0.3 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। आरबीआई ने कहा कि बैंक ने ऋण राशि के आधे से अधिक पर आठ प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक ब्याज दर लगाई। लगभग 16 प्रतिशत ऋण आठ प्रतिशत से कम ब्याज दर पर थे। बाकी ऋण 10 प्रतिशत या उससे अधिक ब्याज दर पर दिए गए।
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