Ranya Rao: रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग केस में एक नया अपडेट सामने आया है। खबर आ रही है कि इस केस में राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने कर्नाटक की एक अदालत को बताया कि सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव को एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच से बचने के लिए अधिकारियों से मदद मिला था।
डीआराआई के मुताबिक एयरपोर्ट पर प्रोटोकॉल अधिकारी को विभाग के अधिकारियों से निर्देश मिले थे। रान्या की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने 14 मार्च तक अपना आदेश सुरक्षित रख लिया।
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Ranya Rao: डीआरआई ने लगया ये आरोप
रान्या राव को इस महीने की शुरुआत में बेंगलुरु एयरपोर्ट से 12.56 करोड़ रुपये के सोने की छड़ के साथ गिरफ्तार किया गया था। सोने के बार उसके शरीर पर बेल्ट में बंधे पाए गए थे।
राजस्व विभाग ने आरोप लगाया है कि रान्या ने सुरक्षा जांच को दरकिनार करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के लिए बनाए गए वीआईपी एयरपोर्ट प्रोटोकॉल का फायदा उठाया। जांच में दावा किया गया है कि राज्य प्रोटोकॉल अधिकारी इमिग्रेशन में जाकर अभिनेत्री का सामान उठाकर फास्ट-ट्रैक सुरक्षा मंजूरी ले लेता था। जिससे वह उतरने के बाद एयरपोर्ट पर तलाशी से बच जाती थी।
डीआरआई का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) मधु राव ने अदालत को बताया, “पुलिस अधिकारी ने डीआरआई अधिकारियों के समक्ष स्वीकार किया कि उन्होंने विभागीय अधिकारियों के निर्देश के आधार पर प्रोटोकॉल प्रदान किया था। इसलिए, उन्होंने इस मामले में प्रोटोकॉल प्रदान करने की बात स्वीकार की।”
Ranya Rao: आईपीएस पिता की भी होगी जांच
कर्नाटक सरकार ने इस बात की भी अलग से जांच शुरू की है कि क्या रान्या के सौतेले पिता आईपीएस अधिकारी और वर्तमान डीजीपी के रामचंद्र राव की इस घटना में कोई भूमिका थी।
सुनवाई के दौरान अभियोक्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि 50 लाख रुपये से अधिक की सीमा शुल्क चोरी एक गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि यह सीमा शुल्क अधिनियम की धारा 135(1)(ए) और (बी) के अंतर्गत आता है, जो इसे संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध बनाता है।
Ranya Rao: ग्रीन चैनल का इस्तेमाल करती थी रान्या
अभियोजक ने आगे कहा कि रान्या ने ‘रेड चैनल’ के बजाय प्रोटोकॉल अधिकारी की मदद से ‘ग्रीन चैनल’ के माध्यम से हवाई अड्डे से बाहर निकला, जो सीमा शुल्क से बचने के इरादे को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अभिनेत्री ने सोने की छड़ें अपनी जींस, कमर और जूतों में छिपा रखी थीं और उन्हें मेडिकल बैंडेज की मदद से अपनी जांघ पर भी चिपका रखा था।
अभियोक्ता ने दावा किया कि डीआरआई ने किसी भी तरह से उसकी स्वतंत्रता का हनन नहीं किया और गिरफ्तारी की आवश्यकता के बारे में विस्तृत विवरण दिया गया। डीआरआई ने दावा किया कि रान्या तस्करी के लिए विभिन्न लिंक का इस्तेमाल करती थी और हवाला चैनलों के माध्यम से काम करती थी।
डीआरआई ने आगे तर्क दिया कि यदि अभिनेता को जमानत दी गई तो वह देश से भाग सकता है और गवाहों को प्रभावित कर सकता है।
