भाजपा के सीएम चेहरे को लेकर सस्पेंस बरकरार है। भाजपा विधायक दल की बैठक अब सोमवार को भी होती नहीं दिख रही। बैठक मंगलवार तक टलना बताया जा रहा है। इसी बीच विधायकों का जयपुर पहुंचना जारी है। विधायकों को स्पष्ट रूप से निर्देश है कि वे किसी भी नेता के घर जाकर नहीं मिलें। सिर्फ कार्यालय आकर ही मुलाकात करें। इसके बावजूद कुछ विधायकों ने रविवार को राजे के घर जाकर मुलाकात की। यह बात अलग है कि इनमें से कुछ विधायक भाजपा कार्यालय जाकर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी से भी मिले।
पार्टी सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षक बनाए गए रक्षा मंत्री सोमवार को लखनऊ में किसी कार्यक्रम में व्यस्त है। वे सोमवार रात या फिर मंगलवार सुबह जयपुर आ सकते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि विधायक दल की बैठक अब मंगलवार को होगी। अन्य पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडेय भी सोमवार देर रात या फिर मंगलवार को जयपुर पहुंचेंगे। सिंह की सिक्योरिटी जयपुर पहुंच गई है और रिहर्सल भी कर लिया गया है।
विधायकों को फोन कर मांगा जा रहा समर्थन
सूत्रों के अनुसार वसुंधरा राजे समर्थक माने जाने वाले विधायक कजलीचरण सराफ विधायकों को फोन कर रहे है और समर्थन मांग रहे हैं। एक विधायक ने बताया कि सराफ ने उनसे बात की और साथ देने को कहा है।
जोशी से ऑफिस में मिले कई विधायक
सूत्रों के अनुसार पार्टी मुख्यालय पर प्रदेश अध्यक्ष सी.पी. जोशी व संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर से विधायक संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेडम, गोपाल खंडेलवाल, लायूलाल पितलिया, उदयलाल डांगी, उदय लाल भडाना, देवेन्द्र जोशी, अतुल भंसाली, जेवानन्द व्यास, रामसहाय वर्मा, शत्रुघ्न गौतम, श्रीचंद कृपलानी, शंकर डेचा, जगत सिंह, कैलाश मीणा, कंबर लाल मीणा, महेन्द्र पाल मीणा ने मुलाकात की।
विधायकों में से ही सीएम बनाने की कोशिश
बताया जा रहा है कि कुछ नेता चाहते हैं कि पार्टी के 115 चुने हुए विधायकों में से ही कोई मुख्यमंत्री बने। इसके लिए विधायकों के साथ रायशुमारी की जाए। वहीं आलाकमान दोनों ही तरह के मशविरों पर काम कर रहा है। वह विधायकों में से किसी को सीएम बनाने या अन्य किसी नेता को दिल्ली से यहां भेजने के विकल्पों पर विचार कर रहा है।
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लॉबिंग और घटनाक्रम की आलाकमान को रोज जा रही रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार प्रदेश में चल रही लॉबिंग और प्रतिदिन के घटनाक्रम की पल-पल की रिपोर्ट आलाकमान को जा रही है। आलाकमान इस बात से खासा नाराज है कि हिदायत के बावजूद पार्टी लाइन से हटकर किस तरह की लॉबिंग की कोशिशें चल रही हैं। केन्द्रीय नेतृत्व यह साफ कर चुका है कि जो पार्टी तय करेगी, उससे बाहर कोई नहीं जा सकता।
