जयपुर. राजस्थान में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने हरियाणा की भिवानी की एक ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया है जो मदारी के खेल में जमूरा बनाने के लिए मासूम बच्चों का अपहरण करती है. उनको जमूरा बनाने के लिए ट्रेनिंग देकर खेल दिखाकर भीख मंगवाती है. इस गैंग के कब्जे से कोटा रेलवे स्टेशन और गंगापुर सिटी से अपहृत किए गए दो बालक बरामद किए हैं. जीआरपी कोटा और जयपुर की टीम ने स्पेशल ऑपरेशन गैंग के शातिरों को चलाकर पकड़ा है.
रेलवे के एडीजी अनिल पालीवाल और एसपी राममूर्ति जोशी ने गैंग के बारे में खुलासा करते हुए बताया कि इस गैंग के कब्जे से 6 मई को कोटा रेलवे स्टेशन से अपहृत 4 वर्षीय बालक को बरामद किया गया है. बालक को गैंग के जयपुर के विद्याधर नगर इलाके में डेरों से बरामद किया गया है. इसके अलावा गैंग के कब्जे से 14 वर्षीय बालक को भी बरामद किया गया है. उसका इस गैंग ने राजस्थान के ही गंगापुर सिटी से 10 साल पहले अपहरण किया था.
गैंग हरियाणा की रहने वाली है और जयपुर में रहती है
जयपुर में रहती इस गैंग को दबोचकर बच्चे को बरामद करने के लिए जीआरपी कोटा, अजमेर और जयपुर की 5 टीमों ने करीब 280 किलोमीटर के इलाके में 470 सीसीटीवी खंगाले. एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि इस गैंग का मास्टरमाइंड मुकेश मदारी मूल रूप से हरियाणा के भिवानी का रहने वाला है. वह पिछले कई साल से परिवार के साथ जयपुर में विद्याधर नगर में किशनबाग नाले के पास बने डेरों में रहता है.
गैंग में पूरा परिवार शामिल है
उसकी गैंग में शामिल अन्य आरोपियों में मुकेश मदारी का भाई करण, अर्जुन, पिता प्रेम और मां लज्जो शामिल है. एडीजी अनिल पालीवाल के मुताबिक चार वर्षीय बालक के पिता कोटा से फिरोजाबाद जाने के लिए कोटा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे. बालक को एक जगह बिठाकर उसका पिता टिकट लेने चला गया. इस बीच गैंग का सरगना मुकेश और उसका भाई करण स्टेशन पर अकेले बैठे 4 वर्षीय बालक को उठाकर भाग निकले.
पुलिस कर रही है गैंग से पूछताछ
मदारी के खेल में जमूरा बनाने वाली इस गैंग से जीआरपी पुलिस ने चार साल के मासूम बच्चे और 10 साल पहले किडनैप हुए बालक को बरामद कर उसके परिजनों को खुशियां वापस लौटा दी है. अब पुलिस इस गैंग से गहनता से पूछताछ कर रही है कि आखिर इस गैंग ने और कितने ऐसी वारदातें की है.