जयपुर, 20 अक्टूबर 2025 – सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने अभिभावकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में चिंता की लहर दौड़ा दी है। वीडियो में कुछ लोग रील बनाने के बहाने बच्चों के साथ खतरनाक खेल खेलते नजर आ रहे हैं, जहां किसी की आंख में चोट लगने या गंभीर घायल होने का खतरा साफ दिख रहा है। यह वीडियो तेजी से शेयर हो रहा है और लोगों ने इसे ‘रीलबाजी का खिलवाड़’ करार देते हुए राजस्थान पुलिस से जांच की मांग की है।
वीडियो की शुरुआत में कुछ युवा या अभिभावक बच्चों को इकट्ठा करके एक तरह का ‘खतरनाक खेल’ खेलते दिख रहे हैं, जिसमें तेज गति से गेंद फेंकी जा रही है या कोई वस्तु उछाली जा रही है। कैप्शन में लिखा है, “ये तरीका सही है क्या? किसी की आंख में लग जाए, कोई गंभीर रूप से घायल भी हो सकता था। रीलबाजी के लिए बच्चों के साथ ये सब खिलवाड़ चल रहा है।” वीडियो को @Ramraajya जैसे यूजर्स ने शेयर किया है, जो इसे सोशल मीडिया पर लाखों व्यूज दिला चुका है।
यह घटना राजस्थान के किसी स्थानीय इलाके से जुड़ी बताई जा रही है, हालांकि सटीक लोकेशन अभी स्पष्ट नहीं है। सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि रील्स के क्रेज में माता-पिता या बड़े भाई-बहन बच्चे की सुरक्षा को दांव पर लगा रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “बच्चों की जान से खिलवाड़ बंद हो। वायरल होना इतना जरूरी तो नहीं कि जान जोखिम में डालें।” वीडियो में दिखने वाले दृश्यों से साफ लगता है कि अगर गेंद या कोई वस्तु आंख में लग जाती, तो स्थायी अंधापन या गंभीर चोट हो सकती थी।
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान में रीलबाजी के नाम पर बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही हो। जुलाई 2025 में भरतपुर के रुदावल थाना इलाके में एक पिता ने अपनी मासूम बेटी को बांध पर खड़े करके रील बनाई थी, जहां भारी बारिश के कारण बांध लबालब था। वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई और अभिभावक को चेतावनी दी। इसी तरह, भीलवाड़ा में एक युवक ने बाइक पर 8 बच्चों को बैठाकर रील बनाई, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर बहस छिड़ गई है। कई यूजर्स ने @PoliceRajasthan को टैग करके कहा, “वीडियो की जांच करके संज्ञान लें। बच्चों के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं।” विशेषज्ञों का मानना है कि रील्स का क्रेज युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इससे जुड़े खतरे गंभीर हैं। मनोचिकित्सक डॉ. राजेश शर्मा कहते हैं, “वायरल होने की होड़ में लोग जिम्मेदारी भूल जाते हैं। खासकर बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार PTSD या शारीरिक चोट का कारण बन सकता है।”
राजस्थान पुलिस ने अभी तक इस वीडियो पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल सक्रिय है। अगर वीडियो असली साबित होता है, तो IPC की धारा 336 (लापरवाही से खतरा पैदा करना) या POCSO एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है। अभिभावकों से अपील की जा रही है कि रील्स बनाते समय बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
यह घटना सोशल मीडिया के दोहरे चेहरे को उजागर करती है – जहां एक तरफ मनोरंजन है, वहीं दूसरी तरफ जोखिम। क्या आपने ऐसा कोई वीडियो देखा है? अपनी राय कमेंट्स में शेयर करें।
(नोट: यह खबर सोशल मीडिया पोस्ट्स और उपलब्ध जानकारी पर आधारित है। पुलिस जांच के बाद अपडेट्स दिए जाएंगे।)






