जयपुर। जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ते यातायात दबाव और लगातार लगने वाले जाम को देखते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग (एनएच) ने अहम निर्णय लिया है। विभाग ने आमेर से चंदवाजी के बीच करीब 20 किलोमीटर लंबे मार्ग पर तीन नए फ्लाईओवर निर्माण को स्वीकृति दे दी है। कूकस, अचरोल और ताला मोड़ पर बनने वाले इन फ्लाईओवर पर करीब 95 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इनके निर्माण से आमेर से चंदवाजी तक का सफर पहले की तुलना में कहीं अधिक सुगम हो जाएगा।
अचरोल क्षेत्र में जाम की सबसे बड़ी वजह अतिक्रमण बना हुआ है। फ्लाईओवर निर्माण की मंजूरी के बाद अब लोगों में जाम से राहत की उम्मीद जगी है। इन फ्लाईओवर के बनने के बाद हाईवे पर जाम की समस्या कम होगी, दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इसके अलावा वाहनों की आवाजाही सुगम होने के साथ ही आपातकालीन सेवाओं को भी रास्ता आसानी से मिलेगा।
18 महीने में पूरा करने के निर्देश
निर्माण कम्पनी को काम 18 माह में पूरा कर परियोजना हैंडओवर करने के निर्देश मिलेे है। इसके अनुसार कार्य दिसंबर 2025 में शुरू होकर मई 2027 तक पूरा होने की संभावना है। जयपुर के अचरोल में काम शुरू होने के करीब एक माह बाद जनवरी 2026 में कूकस और ताला मोड़ पर भी निर्माण प्रक्रिया तेज गति पकड़ेगी।
शुरु होगा अचरोल फ्लाईओवर का काम
सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राहुल कुमार ने बताया कि 24 नवंबर को संबंधित फर्म को निर्माण कार्य के लिए टेंडर आवंटित कर दिया है। नक्शा और ड्रॉइंग को विभाग से स्वीकृति मिल चुकी है। 10 दिसंबर से अचरोल फ्लाईओवर का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं। विभाग की सख्ती को देखते हुए कुछ दुकानदारों ने स्वयं ही अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया है।
नई भूमि की नहीं होगी अवाप्ति
अचरोल में पुलिया निर्माण के लिए किसी नई भूमि की अवाप्ति नहीं होगी। पहले से अवाप्त 45 मीटर चौड़ी राजमार्ग भूमि के भीतर ही निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में इस 45 मीटर क्षेत्र के दोनों ओर अतिक्रमण होने से मार्ग संकरा हो गया है, जिसे मुक्त करने की प्रक्रिया जारी है। यह भूमि वर्ष 1997-98 में ही राजमार्ग के लिए अवाप्त की जा चुकी थी।
इनका कहना है
अचरोल में फ्लाईओवर निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। संबंधित फर्म को टेंडर दे दिया है और आगामी 10 दिनों में काम शुरू करा दिया जाएगा। अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है। अचरोल में निर्माण शुरू होने के बाद कूकस और ताला मोड़ पर भी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। फिलहाल हाईवे की 45 मीटर सीमा में ही निर्माण किया जाएगा।
—राहुल कुमार, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग (राजमार्ग), जयपुर




