जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने हाल ही में अपने कार्यक्षेत्र को काफी बढ़ा दिया है. शहर की सीमा के बाहर तेजी से बढ़ रहे आवासीय क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों को जोड़ने के बाद जेडीए के काम का बोझ भी बढ़ गया.
अब इन बढ़ी हुई जिम्मेदारियों को संभालने के लिए जेडीए ने नया प्रशासनिक ढांचा तैयार करना शुरू किया है. इसी कड़ी में बस्सी के आगरा रोड स्थित कल्पना नगर में एक नए रीजनल कार्यालय के लिए जमीन चिन्हित कर दी गई है.
पहले जेडीए में सिर्फ 13 जोन थे, लेकिन 693 गांवों को शामिल करने के बाद यह संख्या बढ़कर 25 हो गई है. इतने बड़े क्षेत्र में लोगों को सुविधाएं देने के लिए स्थानीय स्तर पर कार्यालय खोलना जरूरी हो गया है. जेडीए की नई योजना के अनुसार शहर के बाहरी वार्डों और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग रीजनल कार्यालय बनाए जाएंगे, ताकि लोगों को शहर के मुख्य कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें. इससे समय, पैसा और मेहनत तीनों की बचत होगी.
सूत्रों के अनुसार, टोंक रोड, अजमेर रोड, दिल्ली रोड, सीकर रोड और आगरा रोड पर इन नए कार्यालयों की योजना तैयार की जा रही है. कल्पना नगर में जमीन चिन्हित होने के बाद यहां जल्द ही रीजनल कार्यालय का निर्माण शुरू होने की उम्मीद है. जेडीए के जोन 13 के अधिशासी अभियंता ने भी पुष्टि की है कि कार्यालय बनते ही इलाके की मूलभूत सुविधाओं में तेजी आएगी.
कल्पना नगर पिछले कई सालों से विकास की प्रतीक्षा कर रहा था. यहां भूखंड खरीदने वाले लोग सड़कों की खराब हालत, पार्कों की उपेक्षा और आसपास की वीरानी से परेशान थे. कॉलोनी में विकास कार्य न होने के कारण लोग मकान बनाने से भी हिचकिचाते थे लेकिन रीजनल कार्यालय की घोषणा ने यहां रहने वालों के लिए नई उम्मीद जगा दी है.
कार्यालय शुरू होने के बाद सड़कों को सुधारने, बिजली और पानी की सप्लाई बेहतर करने और पार्कों का कायाकल्प करने की योजना है. जेडीए ने कल्पना नगर में करीब दो दर्जन पार्कों में पौधा रोपण का काम भी शुरू कर दिया है. आगे चलकर इन्हें थीम आधारित हरित क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा. कार्यालय खुलने से इन पार्कों की नियमित देखभाल भी आसान होगी.
इसके साथ ही, कॉलोनी के शॉपिंग सेंटरों को विकसित करने की योजना भी चल रही है. जब किसी क्षेत्र में जेडीए का कार्यालय बनता है, तो वहां अपने आप सड़कें, नालियां, स्ट्रीट लाइट और व्यापारिक गतिविधियां बढ़ने लगती हैं. यही वजह है कि कल्पना नगर में खाली पड़े प्लॉटों पर अब फिर से निर्माण शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है.
कुल मिलाकर, जेडीए का यह कदम कल्पना नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में बड़ी भूमिका निभाएगा. स्थानीय लोगों को अब अपनी सुविधाएं घर के पास ही मिलेंगी और इलाके की छवि भी पूरी तरह बदलने की संभावना है.
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