एक ऐसी शातिर महिला जिसने न केवल फर्जी सब इंस्पेक्टर बन पुलिस के अधिकारियों से अपनी जान पहचान बढ़ाई, बल्कि राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे कई प्रोबेश्नर्स सब इंस्पेक्टर को धमकाया अब वह खुद पुलिस से बचते हुए फिर रही है.
यहां हम बात कर रहे हैं राजस्थान पुलिस के सब इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर सोशल मीडिया पर वीडियो रील्स बनाकर चर्चाओं में आई फर्जी थानेदार मोना बुगालिया उर्फ मूली की. मोना पिछले 10 महीनों से फरार चल रही है और पुलिस को उसकी तलाश है. पुलिस गिरफ्त से बचने के लिए मोना जयपुर में किराए का कमरा छोड़ किसी अन्य जगह छिपकर असली पुलिस से लुकाछिपी कर रही है.
हाल ही में फर्जी थानेदार मूली उर्फ मोना बुगालिया एक बार फिर से तब चर्चाओं में आई जब शास्त्री नगर थानाप्रभारी दलबीर सिंह फौजदार ने कोर्ट से सर्च वारंट लिया और उनकी अगुवाई में पुलिस टीम ने मेजर शैतान सिंह कॉलोनी में मोना बुगालिया के कमरे पर सर्च कार्रवाई की.
जिसमें मोना के कमरे से करीब 7 लाख रुपए नकद बरामद हुए. इसके अलावा पुलिस की तीन वर्दियां मिली. जिसमें मोना बुगालिया का नाम लिखा था. इसके अलावा कई ऐसे प्रश्न पत्र भी मिले. जो कि राजस्थान पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर से सॉल्व करवाए गए थे.
देश के टॉप पुलिस ट्रेनिंग सेंटर राजस्थान पुलिस अकादमी में पिछले साल मोना बुगालिया सब इंस्पेक्टर की यूनिफॉर्म पहनकर नजर आने लगी. इस दौरान आरपीए में ट्रेनिंग कर रहे प्रशिक्षु थानेदारों के साथ रहती. वहीं काफी घंटे वक्त बिताती.असली ट्रेनी प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर के बैच में उसका नाम नहीं था. तब उनके पूछने पर पिछले बैच की चयनित एसआई होने की जानकारी देती.
थानाप्रभारी दलबीर सिंह फौजदार के मुताबिक ट्रेनिंग के दौरान ही मूली उर्फ मोना बुगालिया की कुछ ट्रेनी एसआई से अनबन होने लगी. तब असली थानेदारों को मोना की बातों पर शक होने लगा. उन्होंने मोना पर संदेह जताते हुए आरपीए के प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी.
पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे असली थानेदारों की सूचना पर आरपीए प्रबंधन ने जब गोपनीय जांच की गई तो सामने आया कि मोना उर्फ मूली बुगालिया का राजस्थान पुलिस में चयन हुआ ही नहीं था.
ऐसे में आरपीए के रिजर्व इंस्पेक्टर की तरफ से मोना के खिलाफ धोखाधड़ी, पुलिस वर्दी का दुरुपयोग व अन्य धाराओं में शास्त्री नगर थाने में केस दर्ज करवाया गया,जिसमें लंबे समय से जांच प्रक्रियाधीन थी. जिसमें अब सर्च कार्रवाई कर पुलिस यूनिफॉर्म व नकदी बरामद की गई.
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि मोना बुगालिया का असली नाम मूली है. वह नागौर जिले में एक गांव की रहने वाली है. जयपुर में कब आई, यहां किसकी मिलीभगत से वह आरपीए जैसे संस्थान में फर्जी थानेदार बनकर लंबे वक्त तक ट्रेनिंग के दौरान रही. इसकी पड़ताल भी मोना के पकड़े जाने पर होगी.
फिलहाल मोना के खिलाफ पुलिस को सर्च कार्रवाई में पर्याप्त सबूत मिल गए है. इसलिए माना जा रही है कि या तो मोना जल्द ही खुद सरेंडर कर देगी या फिर उसकी तलाश में जुटी पुलिस जल्द उसे पकड़कर सलाखों के पीछे डाल देगी.