Bhajanlal Cabinet Meeting: जयपुर। भजनलाल कैबिनेट की आज अहम बैठक होने जा रही है। बैठक में इन्वेस्टमेंट समिट पर तो चर्चा होगी ही साथ ही उद्योग, मेडिकल ट्यूरिज्म सहित कुछ नीतियों को मंजूरी मिल सकती है। सूत्रों के अनुसार बैठक में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) पर भी विचार हो सकता है। इसके अलावा तबादलों पर से प्रतिबंध हटाने पर भी चर्चा की संभावना है। जानकारी के मुताबिक आज दोपहर 3 बजे सीएमओ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग होगी।
भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में ‘आपणो विकसित राजस्थान 2047’ की कार्ययोजना की प्रगति की समीक्षा हो सकती है। राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट की तैयारियों की समीक्षा होगी। समिट से पूर्व रोड शो, विदेश दौरे सहित अन्य कार्यक्रमों का अनुमोदन हो सकता है। साथ ही अन्य कई नीतियों के प्रारूप का अनुमोदन हो सकता है।
तबादलों से प्रतिबंध हटाने पर भी चर्चा संभव
सूत्रों के अनुसार बैठक में स्थानान्तरण पर से प्रतिबंध हटाने पर भी चर्चा की संभावना है। मंत्री-विधायक लंबे समय से प्रतिबंध हटाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले दस दिन के लिए स्थानान्तरण पर से प्रतिबंध हटाया था, जिसमें भी शिक्षा विभाग में तबादले नहीं किए गए थे। उस समय परीक्षाओं के चलते स्थानान्तरण नहीं करने का निर्णय किया गया था।
यूपीएस को दी जा सकती है मंजूरी
भजनलाल सरकार एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को लागू करने को लेकर कैबिनेट बैठक में चर्चा कर सकती है। हालांकि, अभी माना जा रहा है कि विधानसभा उपचुनाव के बीच सरकार इसको लेकर बड़ा फैसला लेने से बच सकती है। लेकिन योजना को लागू करने की प्लानिंग पर चर्चा संभव है।
‘हील इन राजस्थान’ पॉलिसी पर भी चर्चा
राजस्थान को मेडिकल ट्यूरिज्म का हब बनाने की दिशा में बैठक के दौरान ‘हील इन राजस्थान’ पॉलिसी के अनुमोदन का संभावित एजेंडा रखा जाने की संभावना है। पॉलिसी के प्रारूप पर सभी हितधारकों के साथ हो विस्तृत चर्चा हो चुकी है। कुल बजट का 8.26 प्रतिशत प्रावधान स्वास्थ्य के लिए किया गया।
राजस्थान को मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए यह पॉलिसी अहम है। सवाई मानसिंह अस्पताल में आयुष्मान टावर का निर्माण, दो मेडिसिटी और मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की स्थापना, हर जिले में मेडिकल कॉलेज व नर्सिंग कॉलेज, निजी क्षेत्र में भी कई उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थानों के प्रदेश में आने और टेलीमेडिसिन को बढ़ावा देलना इस पॉलिसी के दायरे में हैं।