कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा में भाजपा सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट को वास्तविकता से परे और आमजन के हितों के विपरीत करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में नई घोषणाएं तो की हैं, लेकिन पिछले बजट में किए गए वादों की वर्तमान स्थिति पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। सरकार को नई घोषणाओं के साथ यह भी स्पष्ट करना चाहिए था कि उन्हें जमीनी स्तर पर कैसे लागू किया जाएगा।
पायलट ने बजट में घोषित रोजगार नीति और युवाओं के लिए 1.25 लाख सरकारी नौकरियों की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले वर्ष घोषित एक लाख सरकारी नौकरियों का क्या हुआ, इसके बारे में सरकार को आंकड़े पेश करने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा, जो कि गंभीर चिंता का विषय है।
उन्होंने जल जीवन मिशन की समय सीमा 2028 तक बढ़ाने पर भी सवाल उठाए और कहा कि पिछले एक साल में हजारों करोड़ रुपये की बड़ी परियोजनाओं के टेंडर लंबित पड़े हैं। अमृत 2.0 योजना के तहत पिछले एक साल में 5000 करोड़ रुपये में से एक भी रुपया खर्च नहीं हुआ, फिर भी बजट में उसी योजना की पुनः घोषणा कर दी गई।
महंगाई को लेकर भी उन्होंने बजट की आलोचना की और कहा कि केंद्र और प्रदेश दोनों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल और केरोसिन के दाम कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
पूर्व उप मुख्यमंत्री ने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) पर भी सरकार को घेरा और कहा कि सरकार द्वारा 9500 करोड़ रुपये के वर्क ऑर्डर जारी करने और 12000 करोड़ रुपये के टेंडर आमंत्रित करने की बात कही गई है, लेकिन बजट में इसके लिए केवल 200 करोड़ रुपये का ही प्रावधान किया गया है, जबकि केंद्रीय मद में इसके लिए कोई राशि आवंटित नहीं की गई।
पायलट ने सरकार से पारदर्शिता बरतने और जनता को स्पष्ट रूप से बताने की मांग की कि ईआरसीपी के लिए वित्तीय प्रबंधन किस प्रकार हो रहा है और इसका जनता पर क्या दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पायलट ने कहा कि यह बजट आमजन की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। यह केवल घोषणाओं का पुलिंदा बनकर रह गया है।
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