तुर्किए को रूस से बड़ा झटका लगा है. गैस व्यापार को लेकर रूस ने एक अहम फैसला लिया है, जिससे तुर्किए की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. दरअसल, रूस की सरकारी एनर्जी कंपनी गाज़प्रोम ने तुर्किए में नया गैस हब बनाने की योजना पर चुपचाप ब्रेक लगा दिया है. ये वही प्लान था जिसे पुतिन ने नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन के तबाह होने के बाद पेश किया था.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, गाज़प्रोम अब तुर्किए में गैस हब नहीं बनाएगा. ये प्रोजेक्ट अब टेक्निकल, राजनीतिक और कॉमर्शियल दिक्कतों के चलते बंद कर दिया गया है. जैसे तुर्किए से यूरोप तक सीमित पाइपलाइन कैपेसिटी है, गैस की मार्केटिंग राइट्स को लेकर रूस और तुर्किए के बीच मतभेद है, यूरोपीय यूनियन की 2027 तक रूसी गैस से छुटकारा पाने की नीति भी है. इन सभी वजहों से प्रोजेक्ट को अनवायबिल यानी व्यवहारिक रूप से असंभव माना गया.
क्या था प्लान?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अक्टूबर 2022 में इस प्लान की झलक दिखाई थी. नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन विस्फोट के बाद, इस गैस हब को यूरोप में 55 अरब क्यूबिक मीटर गैस सप्लाई का नया रास्ता माना जा रहा था. तुर्किए भी इस मौके को भुनाना चाहता था, लेकिन चालाकी भारी पड़ गई.
तुर्किए की चाल बनी उलटी मार
शुरुआत में तुर्की ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था, लेकिन बाद में वह चाहता था कि गैस बिक्री पर पूरा कंट्रोल उसी का हो। यही बात रूस को खटक गई. अंकारा की मंशा थी कि वह तय करे किसे और कितनी गैस बेची जाएगी. रूस चाहता था कि वह हब के ज़रिए यूरोप पर अपनी ऊर्जा पकड़ बनाए रखे. जब रूस को लगा कि तुर्किए अपने फायदे के लिए प्रोजेक्ट को मोड़ना चाहता है, तो गाज़प्रोम ने इस पर चर्चा ही बंद कर दी.
वर्तमान रिश्ते अभी जस के तस
हालांकि नया हब बनने का रास्ता बंद हो गया है, लेकिन तुर्किए और रूस के बीच मौजूदा गैस व्यापार पर इसका असर नहीं पड़ा है. तुर्किए अब भी गाज़प्रोम के बड़े ग्राहकों में से एक है. तुर्किए की एनर्जी मिनिस्ट्री और बोटाश ने प्रोजेक्ट पर कोई टिप्पणी नहीं की है. लेकिन एक तुर्की अधिकारी ने कहा कि अगर भविष्य में ये योजना फिर से शुरू होती है तो अंकारा सहयोग के लिए तैयार रहेगा.
