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October 17, 2025 8:31 pm

पुराने जयपुर का सबसे व्यस्त कपड़ा बाजार पुरोहितजी का कटलाआग लगने का खतरा: अदृश्य खतरा

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दीपावली नजदीक है, लेकिन पुराने जयपुर का सबसे व्यस्त कपड़ा बाजार पुरोहितजी का कटला इस त्यौहार पर भी सुरक्षा के नाम पर आश्वस्त नहीं है. करीब 600 दुकानों और बेहद संकरी गलियों वाले इस मार्केट में आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस बाजार में हाई-टेक फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया था.

घाटगेट फायर स्टेशन से जोड़ी गई करीब 5 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन और 2.5 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक बनाकर सिस्टम तैयार किया गया. मकसद था की भीड़भाड़ वाले इस इलाके में किसी भी आगजनी की स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाना, लेकिन आज यह पूरा सिस्टम धूल फांक रहा है.

दीपावली की रौनक के बीच ‘अदृश्य खतरा’

पिंकसिटी के बाजार दीपावली की चकाचौंध में सजा है. झालरों से रोशन गलियां और भीड़भाड़ भरे रास्ते देखने में उत्सव जैसे लगते हैं, लेकिन इन रौशनियों के पीछे एक अदृश्य खतरा पल रहा है. चारदीवारी का सबसे बड़ा पुरोहितजी का कटला बाजार सुरक्षा नहीं, ‘लापरवाही की आग’ में झुलस रहा है. यहां कपड़ों से लेकर प्लास्टिक तक का थोक कारोबार होता है.

 

आग लगने की स्थिति में दमकल की गाड़ियां अंदर तक पहुंच ही नहीं सकतीं. इन्हीं खतरों को देखते हुए स्मार्ट सिटी मिशन के तहत करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया गया था. इसके बाद इसे जयपुर नगर निगम हेरिटेज को 2023 में सुपुर्द कर दिया गया, लेकिन उसके बाद कोई सुध लेने वाला नहीं है.

सिस्टम लगा, पर कभी चला नहीं

जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने यह सिस्टम लगाकर नगर निगम फायर शाखा को सौंप दिया, लेकिन अब स्थिति यह है कि पाइपलाइन सूखी पड़ी हैं, नोजल जंग खा चुके हैं और कई जगह तो हाइड्रेंट बॉक्स तक गायब हैं. व्यापारियों का कहना है कि सिस्टम तो लगा जरूर, लेकिन शायद केवल फोटो सेशन के लिए. मॉकड्रिल तक नहीं हुई.

‘हम तैयार हैं’ कहकर चैन से बैठा प्रशासन

त्यौहारों और शादी के सीजन में यहां इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने की जगह नहीं बचती. तीन संकरे रास्तों, सैकड़ों दुकानों और ठेलों, ई-रिक्शों के कारण हर समय मिनी ट्रैफिक जाम रहता है. व्यापारियों का कहना है कि सूरत के कपड़ा बाजार में लगी आग ने दर्जनों जिंदगियां निगल लीं, लेकिन जयपुर का प्रशासन आज भी ‘हम तैयार हैं’ कहकर चैन से बैठा है.

स्मार्ट सिटी, पर स्मार्ट मैनेजमेंट गायब

विडंबना यह है कि यह पूरा इलाका स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आता है. सिस्टम लगाया गया, लेकिन ना उसका ट्रायल हुआ ना रखरखाव का बजट तय हुआ. अब यह ‘स्मार्ट इंस्टॉलेशन’ जंग और धूल में तब्दील हो चुका है. दीपावली पर खरीदारी बढ़ने के साथ जोखिम भी कई गुना बढ़ गया है. कपड़ा, प्लास्टिक और होजरी की दुकानों से भरे इस बाजार में जरा सी चिंगारी भी पूरे इलाके को लपटों में बदल सकती है. फिलहाल यहां ना दमकल की एंट्री का रास्ता है ना वैकल्पिक निकासी मार्ग है.

DIVYA Reporter
Author: DIVYA Reporter

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