पुणे सड़क हादसा मामले में अब विपक्ष भी महाराष्ट्र सरकार को घेर रहा है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि नाबालिग आरोपी को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस स्टेशन में पिज्जा और बिरयानी परोसी गई थी। हालांकि, इस संबंध में पुलिस की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। इधर, पुणे पुलिस का कहना है कि इस संबंध में सेशन्स कोर्ट का रुख किया है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नेता ने पुणे पुलिस आयुक्त को हटाए जाने की मांग की है। साथ ही उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक विधायक की तरफ से भी नाबालिग आरोपी की मदद किए जाने की बात कही है। रविवार को पुणे के कल्याणीनगर में हुई घटना में तेज रफ्तार पोर्शे कार ने दो लोगों को रौंद दिया था, जिनकी मौके पर ही मौत हो गई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राउत का कहना है, ‘पुणे पुलिस ने एक ऐसे अमीर लड़के की मदद की है, जिसने दो युवाओं की जान ले ली…। आप उसे पिज्जा और बर्गर किस बात के लिए खिला रहे हैं? अब वीडियो भी सामने आ चुका है कि लड़का शराब पी रहा था। सभी असलियत को जानते थे, लेकिन इसके बाद भी उसकी मदद की।’
उन्होंने कहा, ‘पुलिस आयुक्त को निलंबित कर देना चाहिए। उन्होंने आरोपी को बचाने की कोशिश की है। एक युवा जोड़े की मौत हो गई और आरोपी को महज 2 घंटे के अंदर जमानत मिल गई। वीडियो में ययह देखा जा सकता है कि वह नशे में था, लेकिन उसकी मेडिकल रिपोर्ट निगेटव आई थी। कौन आरोपी की मदद कर रहा है? यह पुलिस आयुक्त कौन है? उन्हें हटाया जाना चाहिए या पुणे के लोग सड़कों पर उतरेंगे।’
सलमान खान केस से तुलना
इसके अलावा महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक रविंद्र धांगेकर ने भी आरोप लगाए हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस मामले की तुलना के हिट एंड रन केस से की है। उन्होंने कहा कि शुरुआत में किशोर ने यह कहते हुए ड्रामा किया कि वह गाड़ी नहीं चला रहा था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन चश्मदीद युवक और युवती के लिए खड़े हुए। उसने पुलिस को वीडियो सबूत दिया है कि कार विशाल अग्रवाल का बेटा चला रहा था और ड्राइवर पास में बैठा हुआ था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अंत मे येरवाड़ा पुलिस ने लड़के के खिलाफ केस दर्ज किया और उसे गिरफ्तार किया। देरी से गिरफ्तारी के कई मामलों में आरोपी को कानून का डर दिखाने के लिए एक दिन के लिए हिरासत में रखा जाता है। हालांकि, आरोपी को CRPC के प्रावधानों का पालन करते हुए वेकेशन कोर्ट के सामने तुरंत पेश किया गया…। यह केस कई सवाल उठाता है।’
उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे
पीटीआई भाषा के अनुसार, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा, रविवार को ही हमने अदालत (बोर्ड) के समक्ष एक आवेदन दायर किया था। इसमें किशोर पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने और उसे ऑब्जर्वेशन होम में भेजने की अनुमति मांगी गई थी क्योंकि अपराध जघन्य है, लेकिन याचिका को खारिज कर दिया गया था। हम अब उसी याचिका के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। इन मामलों की जांच अपराध शाखा को स्थानांतरित कर दी। उन्होंने कहा, मामले को एसीपी स्तर के अधिकारी को स्थानांतरित कर दिया गया है। हम इस मामले में एक विशेष वकील नियुक्त करेंगे।
इस हादसे में 24 वर्षीय अनीस अवधिया और 24 साल की ही अश्विनी कोस्टा ने जान गंवा दी है। युवक और युवती मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और पुणे में नौकरी करते थे। दोनों पेशे से इंजीनियर थे। FIR के मुताबिक, दोनों जैसे ही कल्याणीनगर जंक्शन पर पहुंचे, तो एक तेज रफ्तार पोर्शे कार ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इसके बाद दोनों ही सड़क पर गिर गए और मौके पर मौत हो गई।