Explore

Search
Close this search box.

Search

November 7, 2024 3:28 pm

लेटेस्ट न्यूज़

Property Knowledge: जानिए क्या कहता कानून………’किरायेदार कितने साल बाद कर सकता है मकान पर कब्जा…….

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

Property Knowledge: किराये पर घर और दुकान देना देश में लाखों लोगों की एक्सट्रा इनकम का बड़ा जरिया है. खासतौर पर बड़े शहरों और महानगरों में तो हाउस रेंट से लोगों की बड़ी आमदनी होती है. लेकिन, किराये के इस खेल में खतरे भी बहुत हैं, सबसे बड़ा रिस्क है संपत्ति पर कब्जे का. दरअसल, कई मकान मालिक, घर किराये पर देने के बाद बेफ्रिक हो जाते हैं बस किरायेदार से टाइम पर रेंट मिलता रहे फिर कोई टेंशन नहीं. लेकिन, यह सोच किसी बुरी नीयत वाले किरायेदार के मामले में घातक साबित हो सकती है.

कई बार कुछ किरायेदार, सालों तक किराये पर रहने के बाद मालिक की संपत्ति पर हक जताने लगते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो कब्जा कर लेते हैं. ऐसे में मकान मालिक की छोटी-सी भूल बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है. दरअसल, प्रॉपर्टी कानून में कुछ ऐसे प्रावधान हैं, जिनका हवाला देकर किरायेदार मकान मालिक की संपत्ति पर हक का दावा कर सकता है. ऐसे में सभी मकान मालिक को इस बात की जानकारी होना जरूरी है.

Kiwi Benefits: आप भी जानकार हो जाएंगे हैरान……’Kiwi खाने के क्या हैं फायदे….

किरायेदार के कब्जे पर क्या कहता कानून

प्रॉपर्टी वेबसाइट 99acres की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में किरायेदार लगातार 12 वर्षों तक रहने के बाद घर पर मालिकाना हक का दावा कर सकता है, इसे संपत्ति पर प्रतिकूल कब्ज़ा कहा जाता है. प्रतिकूल कब्जे के हालात उस वक्त पैदा होते हैं जब संपत्ति पर पट्टा समाप्त हो जाता है या मकान मालिक किराया समझौते की शर्तों पर चूक कर जाता है.

लिमिटेशन एक्ट 1963 के अनुसार, निजी संपत्ति के स्वामित्व का दावा करने की समय अवधि 12 वर्ष है, जबकि सार्वजनिक संपत्ति के लिए इसे 30 वर्ष तक बढ़ाया गया है.

किरायेदार ऐसे उठाते हैं फायदा

अक्सर कुछ किरायेदार मकान के खिलाफ इस कानून का फायदा उठाने की कोशिश करते है. इस कानून के तहत यह साबित करना होता है कि लंबे समय से संपत्ति पर कब्जा था और सबूत के तौर पर कब्जा करने वाले को टैक्स, रसीद, बिजली, पानी का बिल, गवाहों के एफिडेविट की जानकारी देनी होती है.

मकान मालिक क्या सावधानी बरतें

ऐसे हालात से बचने के लिए मकान मालिक हमेशा रेंट एग्रीमेंट या लीज डीड बनवाकर प्रॉपर्टी किराये पर दें. रेंट एग्रीमेंट में किराए से लेकर और भी कई तरह की जानकारियां लिखी रहती हैं. चूंकि, रेंट एग्रीमेंट 11 महीने का होता है इसलिए हर साल समय पर इसका रिन्यूअल कराएं. रेंट एग्रीमेंट में छोटी-सी चूक भारी पड़ सकती है.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर