Explore

Search

March 13, 2025 12:09 am

Premanand Maharaj: तुम्हारी कोई लोहे की थोड़े ही है, आज के बाद मत करना…….’प्रेमानंद महाराज को संत ने लगाई डांट…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज की तबीयत के कारण श्री हित राधा केली कुंज तक की रात्रि पद यात्रा अनिश्चित काल के लिए बंद कर दी गई. जैसा कि उन्होंने बताया है कि उनकी दोनों ही किडनी खराब हो चुकी हैं, जिसके कारण उनको स्वास्थ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. प्रेमानंद महाराज ने अपने जीवन से जुड़ी एक ऐसी घटना के बारे में बताया, जो लोगों को आश्चर्य में डाल देने वाली है. एक बार एक संत ने उनकी सेहत के लिए उनको डांट भी लगाई थी और कहा था कि आज के बाद ऐसा काम मत करना. आइए जानते हैं प्रेमानंद जी महाराज के जीवन से जुड़ी उस घटना के बारे में.

मुनमुन चक्रवर्ती ने दिग्गज गायक “उदित नारायण” पर गंभीर आरोप लगाए!

प्रेमानंद महाराज बालू खाकर मिटाई भूख

प्रेमानंद जी महाराज ने अपने अनुयायियों को बताया कि उनके जीवन में एक ऐसा समय आया कि खाने के लिए कुछ भी नहीं था. भूख की इतनी व्याकुलता थी कि बालू खाकर और गंगाजल पीकर पेट भरना पड़ा. उन्होंने बताया कि वे बालू से छोटे-छोटे शंख और सीपी छांटकर अलग कर दिया क्योंकि वे कहीं आंतों में न लग जाएं. उसके बाद 3 से 3 मुट्ठी बालू लेकर गंगाजल की मदद से खा लिया.

संत ने लगाई डांट, ‘तुम्हारा लोहे का थोड़ी है’

प्रेमानंद महाराज ने बताया कि ऐसा करते हुए उनको किसी संत ने देख ​लिया. तब उसने डांट लगाई. संत ने कहा कि तुम्हारी आंतें कोई लोहे की थोड़े ही हैं कि तुम बालू खा रहे हो. उन्होंने बताया कि कई-कई दिन तक उनको भोजन नहीं मिलता था. अब आदमी गंगाजल कहां तक पिए, जवान न हो तो पानी की मांग हो.

‘बालू भी तो भगवत स्वरूप है, पाओ इसी को’

खाने के लिए कुछ न होने पर प्रेमानंद महाराज ने एक दिन सोचा कि बालू भी तो भगवत स्वरूप ही है. इसी को खाते हैं. भगवान ने संत को दिखा दिया और उन्होंने डांट लगा दिया. उन्होंने कहा कि आज के बाद मत खाना, अगर मेरी बात मनोगे. संतों की बात भगवान की बात है.

‘सर्दी में कंबल से सांप की तरह डर लगता था’

प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि उन्होंने शरीर को कभी अपना माना ही नहीं. सर्दी, गर्मी, बरसात, भूख, प्यास सब…​हमें कंबल से सर्दी में डर लगता था. अगर मैंने कंबल ओढ़ा और मेरी आसक्ति हो गई तो कंबल से सांप की तरह डर लगता था. अपना अचला उतारा, उसी को ओढ़ लिया और तब रात्रि पार किया ऐसा. पूरी सर्दी कट गई इसी बनियान से. जितना गर्मी में पहनते हैं, उतना ही सर्दी में पहनते हैं. यही हमारी पोशाक है गर्मी की भी, बरसात की भी और सर्दी की भी. भगवान के बल से…भगवान का बल ही काम करता है, जैसा वे रखें.

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

आज फोकस में

JDA NEWS: जयपुर विकास प्राधिकरण, जयपुर कार्यकारी समिति की बैठक एपेक्स सर्किल से बालाजी ट्राई जंक्शन जगतपुरा, झोटवाडा आरओबी से खातीपुरा आरओबी तक एलिवेटेड रोड एवं ओटीएस सर्किल जेएलएन मार्ग पर फ्लाईओवर हेतु डीपीआर की जाएगी तैयार

Read More »
Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर