प्रयागराज में 45 दिनों तक चले विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 के आखिरी दिन लोग अमृत स्नान के लिए उमड़ पड़े। अंतिम दिन महाशिवरात्रि होने की वजह से भी प्रयागराज में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। बुधवार को शाम छह बजे तक 1.44 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। महाकुंभ का यह महापर्व आस्था, श्रद्धा और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओत-प्रोत रहा। संत-महात्माओं, अखाड़ों और हजारों साधु-संतों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी दिव्य और भव्य बना दिया। महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में एक बार होता है। इस दौरान भंडारों, आध्यात्मिक प्रवचनों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को अभूतपूर्व और अविस्मरणीय बताया है।
आइए आपको बताते हैं कि आस्था के इस महाकुंभ की 10 बड़ी बातें।
1- कई देशों की आबादी से ज्यादा लोग पहुंचे प्रयागराज
मेला प्रशासन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 13 जनवरी से अब तक स्नान करने वालों की संख्या 66.21 करोड़ पहुंच गई है। श्रद्धालुओं की यह संख्या चीन और भारत को छोड़कर अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों समेत सभी देशों की आबादी से अधिक है। साथ ही यह मक्का और वेटिकन सिटी जाने वाले श्रद्धालुओं से भी अधिक है।
2- 15,000 सफाईकर्मी लगातार रहे तैनात
महाकुंभ अपनी स्वच्छता को लेकर भी चर्चा में रहा जिसमें स्वच्छता कर्मियों की अहम भूमिका रही। पूरे मेले में 15,000 सफाईकर्मी चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात रहे। कई पालियों में उन्होंने साफ-सफाई की जिम्मेदारी बखूबी निभाई और मेले में शौचालयों और घाटों को पूरी तरह से साफ रखा। सफाई के लिए सभी ने उनकी बखूबी सराहना की।
3- भगदड़ में गंवानी पड़ी जान
महाकुंभ मेले में मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ की घटना भी हुई। भगदड़ में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी। लेकिन इस घटना का श्रद्धालुओं की आस्था पर इस कोई खास असर नहीं पड़ा और लोगों का आगमन जारी रहा। इसके अलावा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी प्रयागराज पहुंचने की जल्दबाजी में भगदड़ हुई और इसमें 18 लोगों की जान चली गई थी। सपा और कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर भगदड़ में मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप लगाया।
4- राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित तमाम बड़ी हस्तियों ने की शिरकत
महाकुंभ मेले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, फिल्मी सितारों, खेल जगत, उद्योग जगत की हस्तियों तक ने संगम में डुबकी लगाई और प्रदेश सरकार द्वारा किए गए इंतजामों की सराहना की।
5- अत्याधुनिक तकनीक का हुआ इस्तेमाल
महाकुंभ में नदियों के संगम के साथ ही प्राचीनता और आधुनिकता का भी संगम देखने को मिला। इसमें एआई से युक्त कैमरों, एंटी ड्रोन जैसी कई अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया और मेला पुलिस को इन प्रणालियों का प्रशिक्षण दिया गया।
6- गंगा जल की शुद्धता को लेकर हंगामा
गंगा जल की शुद्धता को लेकर राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एनपीसीबी) की रिपोर्ट और फिर उस पर सरकार के हवाले से कई वैज्ञानिकों द्वारा गंगा जल की शुद्धता की पुष्टि को लेकर भी काफी चर्चा हुई। विपक्ष ने भी इसे लेकर काफी सवाल उठाए।
7- सरकार ने बनाया महाकुंभ नगर जिला
महाकुंभ मेले के आयोजन के लिए एक नया जिला- महाकुंभ नगर बनाया गया। मेले के संचालन के लिए जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक समेत पुलिस और प्रशासन की नियुक्ति की गई। यह प्रदेश का 76वां अस्थायी जिला है।
8- सभी 13 अखाड़ों ने किया अमृत स्नान
महाकुंभ मेले में सभी 13 अखाड़ों ने तीन प्रमुख पर्वों- मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर अमृत स्नान किया। बसंत पंचमी स्नान के साथ ही अखाड़े से जुड़े साधु-संत मेले से विदा हो गए।
9- विपक्ष ने खड़े किए श्रद्धालुओं की संख्या पर सवाल
सपा समेत विपक्षी दलों ने श्रद्धालुओं की संख्या पर भी सवाल खड़ा किया, लेकिन सरकार ने 1,800 एआई कैमरों समेत 3,000 से अधिक कैमरों, ड्रोन और 60,000 कर्मचारियों के हवाले से श्रद्धालुओं की सही संख्या बताने की बात कही। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड के जवान तैनात रहे।
10- श्रद्धालुओं की सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37,000 पुलिसकर्मी, 14,000 होमगार्ड के जवान तैनात रहे। तीन जल पुलिस थाने, 18 जल पुलिस कंट्रोल रूम और 50 ‘वाच टावर’ भी स्थापित किए गए थे।
महाकुंभ में आने वाले अति विशिष्ट लोगों में भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी, एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल, ब्रिटेन के रॉक बैंड कोल्डप्ले के क्रिस मार्टिन प्रमुख रूप से शामिल थे। सोशल मीडिया के चर्चित चेहरों में हर्षा रिछारिया, माला बेचने वाली युवती मोनालिसा भोसले और ‘आईआईटी बाबा’ के नाम से प्रसिद्ध अभय सिंह ने भी इस मेले में सुर्खियां बटोरी।
