प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान आधी रात मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या को लेकर सरकारी अस्पताल में कन्फ्यूजन बढ़ा दिया है। प्रयागराज में पोस्टमार्टम हाउस के बाहर 24 अज्ञात लोगों के शव के पोस्टर लगाए गए हैं। बुधवार को यूपी सरकार के डीआईजी वैभव कृष्ण ने कहा था कि भगदड़ से 90 लोग अस्पताल लाए गए थे जिनमें 30 की मौत हो गई। डीआईजी ने कहा था कि 30 मृतकों में 5 की शिनाख्त नहीं हो पाई है। वैभव कृष्ण ने बताया था कि जिन मृतकों की पहचान हुई है उनमें प्रदेश से बाहर के 6 लोग हैं जिनमें कर्नाटक के 4 और असम व गुजरात के 1-1 हताहत हैं।
प्रयागराज में सरकारी अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर गुरुवार को 24 मृतकों के फोटो लगा दिए गए हैं जिनकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है। इसके बाद मृतकों की कुल संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है जिस पर सरकार या प्रशासन की ओर से कोई सफाई अब तक नहीं आई है। सवाल उठ रहा है कि ये 24 अज्ञात लोग पहले मृत घोषित 30 लोगों में शामिल हैं या अलग हैं। या डीआईजी वैभव कृष्ण के मुताबिक पहले जिन 25 मृतकों की पहचान होने का दावा किया गया था, उनमें 19 की शिनाख्त गलत निकली। पहले जो 5 अज्ञात थे, उनकी पहचान हुई या नहीं, ये भी साफ नहीं है।
डीआईजी वैभव कृष्ण ने 30 मृतकों में प्रदेश से बाहर के 6 ही बताए थे जबकि अब तक बिहार के ही 9 लोगों की मौत की खबरें आ चुकी हैं जिसकी वहां के प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्टि की है। बंगाल के भी 2 लोगों की मौत की खबरें आज कुछ समाचार पत्रों में छपी है जिनके परिवार ने दावा किया कि उन्हें बिना मृत्यु प्रमाण पत्र दिए शव सौंपकर भेज दिया गया। मौनी अमावस्या पर एक ही भगदड़ मची या उससे ज्यादा, इसको लेकर भी कन्फ्यूजन है। समाचार माध्यमों में दावा किया जा रहा है कि झूंसी इलाके में भी एक भगदड़ हुई थी जिसमें लगभग दो दर्जन लोग हताहत हुए थे।
अस्पताल-अस्पताल अपनों को खोज रहे परिजन
भगदड़ के बाद कई ऐसे लोग हैं, जिनके परिजन संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। हादसे के बाद से लोगों के मोबाइल बंद होने से परेशानी अधिक हो रही है। परिजन जानकारी के लिए परेड ग्राउंड स्थित केंद्रीय अस्पताल, एसआरएन अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का चक्कर लगा रहे हैं। झांसी के सरमऊ के रहने वाले शिशुपाल ने बताया कि उनके पिता 58 वर्षीय महेश यादव का मंगलवार से कोई पता नहीं चल रहा है। वह 27 जनवरी को संगम आए थे। खोया-पाया केंद्र से अनाउंस हुआ लेकिन नहीं मिल रहे हैं। गुरुवार दोपहर केंद्रीय अस्पताल पहुंचे महाराष्ट्र के भंडारा जिले की शीला मंडल ने बताया कि उनके पिता 70 वर्षीय विष्णुपदा से मंगलवार रात से संपर्क नहीं हो रहा है।
घायलों में 4 की छुट्टी 37 का चल रहा इलाज
हादसे के 41 घायलों को बुधवार को प्राथमिक उपचार के बाद केंद्रीय अस्पताल से स्वरूप रानी नेहरू चिकित्सालय (एसआरएन) रेफर कर दिया गया था, जहां इनका उपचार चल रहा है। हालत में सुधार के बाद 4 घायलों को छुट्टी दे दी गई है। बाकी का इलाज चल रहा है। अस्पताल में इलाज और व्यवस्था से घायल व उनके परिजन संतुष्ट दिखे। अस्पताल के ट्रामा सेंटर और नए भवन के वार्ड चार में घायलों को भर्ती किया गया है। महाकुम्भ के मद्देनजर बने विशेष वार्ड में हर बेड पर नई चादरें हैं। बेड के पास सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन पाइप लगा है। मरीजों की 24 घंटे निगरानी के लिए युवा पैरा मेडिकल स्टाफ हैं। घायल लोगों ने इलाज की तारीफ की।