लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा चल रही है. इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बहस की शुरूआत की और संविधान के बहाने मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत संविधान की कॉपी हाथ में लेकर की. इस दौरान राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दे दिया जिससे हंगामा खड़ा हो गया. इस पर पीएम मोदी ने खड़े होकर विरोध जताया और कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है.
राहुल गांधी ने कहा, ‘मोदीजी ने अपने भाषण में एक दिन कहा कि हिंदुस्तान ने कभी किसी पर हमला नहीं किया. इसका कारण है. हिंदुस्तान अहिंसा का देश है, यह डरता नहीं है. हमारे महापुरुषों ने यह संदेश दिया- डरो मत, डराओ मत. शिवजी कहते हैं- डरो मत, डराओ मत और त्रिशूल को जमीन में गाड़ देते हैं. दूसरी तरफ जो लोग अपने आपको हिंदू कहते हैं वो 24 घंटे हिंसा-हिंसा-हिंसा..नफरत-नफरत-नफरत… आप हिंदू हो ही नहीं. हिंदू धर्म में साफ लिखा है सच का साथ देना चाहिए.’
PM और गृह मंत्री ने खड़े होकर जताया विरोध
राहुल गांधी के बयान पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. पीएम मोदी अपनी चेयर पर उठकर खड़े हुए और इसे गंभीर बात बताया. पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना गंभीर बात है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और बीजेपी पूरा हिंदू समाज नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि विपक्ष के नेता ने जो कहा, उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए. इस धर्म पर करोड़ों लोग गर्व से हिंदू कहते हैं. मैं उनको गुजारिश करता हूं कि इस्लाम में अभय मुद्रा पर एक बार वो इस्लामिक विद्वानों की राय वो ले लें. गृह मंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताते हुए उनसे माफी की मांग की. शाह ने कहा कि राहुल कहना चाहते हैं कि देश के करोड़ो हिंदू हिंसक हैं? शाह ने आगे कहा कि क्या नेता प्रतिपक्ष माफी मांगेंगे? हिंसा को किसी धर्म से जोड़ना गलत है. अमित शाह ने आगे कहा कि राहुल को देश से माफी मांगनी चाहिए.
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शाह ने दिलाई इमरजेंसी की याद
अमित शाह ने कहा, ‘इस्लाम में अभय मुद्रा (जो राहुल गांधी ने बात कही है), इस पर इस्लाम के विद्दानो का मत इस पर ले लें, गुरुनानक जी के अभय मुद्रा के मुद्दे पर SGPC का मत इस पर ले लें. अभय बात तो इनको करने का कोई हक नही है आपातकाल में इन्होंने पूरे देश को भयभीत किया है, आपातकाल के वक्त वैचारिक आतंक था. दिल्ली में दिन दहाड़े हजारों सिख भाइयों का कत्लेआम हुआ. ये अभय की बात कर रहे हैं. नेता विपक्ष को पहले भाषण में सदन के संग पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.’