auruhana2.kz
autokolesa.kz
costacoffee.kz
icme2017.org
kenfloodlaw.com
Vavada
Chicken Road
카지노 사이트 추천
betify

Explore

Search

August 27, 2025 8:04 pm

माता-पिता घर में बनाएं पढ़ाई का माहौल

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

बच्चों के लिए सिलेबस याद रखना एक बड़ी समस्या है. माता-पिता इस समस्या को बहुत आसानी से कम कर सकते हैं और पढ़ाई को रोचक बना सकते हैं। अगर पढ़ाई साथ-साथ चल रही हो तो बच्चों को पेपर के दिनों में कोई परेशानी नहीं होती. माता-पिता को घर पर सीखने का माहौल बनाने की जरूरत है। ताकि बच्चे शिक्षा को बोझ न समझें और पूरे मन से उसमें लगें।बच्चों में शिक्षा के प्रति जुनून पैदा करने के लिए माता-पिता को प्रतिदिन 35-40 मिनट तक बच्चों के साथ किसी न किसी विषय पर चर्चा करनी चाहिए।यह आवश्यक है।

शाम की चाय के समय या रात को टहलते समय आप बच्चों से देश-विदेश की घटनाएँ, राजनीति, भूमि, जल, खजाना, ब्राह्मण एवं नैतिक शिक्षा आदि किसी भी विषय पर चर्चा कर सकते हैं। जब बच्चे जाएं आपके साथ घूमने के लिए। ताकि उन्हें खेतों, फसलों और कृषि उपकरणों के बारे में बताया जा सके। सड़कों पर टोल टैक्स की जानकारी दी जा सकती है. घर में प्रतिदिन किसी न किसी विषय पर चर्चा करने से बच्चे भी यह समझने लगेंगे कि हमें चूहे को पीटना नहीं है।

प्रत्येक विषय की अवधारणा अपने आप में स्पष्ट हैपी रहे हैं इस तरह पढ़ाई करने से बच्चे की सोचने, समझने, बोलने और सुनने की क्षमता बढ़ती है। यह आत्मविश्वास जगाता है. इस तरह पढ़ाई करने से पढ़ाई नहीं भूलती और बच्चा कंपटीशन के पेपर में फेल नहीं होता। विषय पर चर्चा से माता-पिता और बच्चों के बीच संबंध स्थापित होता है और सीखने का माहौल बनता है। माता-पिता को बच्चों के मन की बात पता चलती है और दोनों के बीच रिश्ता मजबूत होता है, जो आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।

माता-पिता बच्चे के पहले शिक्षक होते हैं। उनके बच्चेशब्दावली पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। घर पर जब भी माता-पिता अपने बच्चों से कोई चीज़ लाने को कहें तो उन्हें हमेशा उस चीज़ के पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग करना चाहिए, इससे बच्चा जल्दी सीखेगा और याद रखेगा। माता-पिता को घर में हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी हर भाषा के शब्दों का प्रयोग करना चाहिए। छोटे-छोटे शब्दों का प्रयोग करना जैसे चुटकी को क्लैंप, चाय को फिल्टर, रोटी को चपाती, दवा को दवा आदि। ऐसा करने से बच्चे के बोलने का लहजा अपने आप बदल जाएगा।

इस तरह सीखें शब्दवह अपने दोस्तों को भी बताता है और अधिक शब्द सीखने के लिए तैयार रहता है। बच्चों की पढ़ाई को आसान बनाने और समय के साथ तालमेल बिठाने के लिए अभिभावकों को यह तरीका अपनाना चाहिए। इस तरह रोजाना पढ़ाई से बच्चा कभी भी पढ़ाई को बोझ नहीं समझेगा और न ही उसे जल्दी भूल पाएगा।

विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य शैक्षिक स्तंभकार

Sanjeevni Today
Author: Sanjeevni Today

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Comment

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर
ligue-bretagne-triathlon.com
pin-ups.ca
pinups.cl
tributementorship.com
urbanofficearchitecture.com
daman game login