MEA response to Rahul Gandhi: विदेश मंत्रालय (MEA) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दिया है। मंत्रालय ने राहुल के आरोपों का खंडन करते हुए सोमवार को कहा कि पाकिस्तान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की जानकारी पहले नहीं दी गई थी, बल्कि उसे अभियान का शुरुआती चरण शुरू हो जाने के बाद बताया गया। इस बारे में विदेश मंत्री का बयान गलत तरीके से पेश किया गया है।
राहुल ने विदेश मंत्री का वीडियो शेयर किया
दरअसल, राहुल ने विदेश मंत्री जयशंकर 17 मई का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में विदेश मंत्री कहते हैं कि ‘ऑपरेशन शुरू होने पर हमने पाकिस्तान को संदेश भेजा। हमने कहा कि हम आतंकवादियों के ठिकानों पर हमले कर रहे हैं। हमारा निशाना सैन्य प्रतिष्ठान नहीं हैं। ऐसे में पाकिस्तानी सेना के पास इससे दूर रहने और भारत की कार्रवाई में दखल न देने का विकल्प मौजूद है। लेकिन उन्होंने भारत की अच्छी सलाह को नहीं माना।’ राहुल ने दावा किया कि पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमलों से पहले भारत सरकार ने पाकिस्तान को इस बारे में सूचित किया था।
‘यह कोई चूक नहीं थी, बल्कि यह एक अपराध था’
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह ‘अपराध’ है और ‘पाप’ की श्रेणी में आता है, जिस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और खुद जयशंकर को जवाब देना होगा। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि देश को सच जानने का पूरा हक है। राहुल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘क्या विदेश मंत्री जयशंकर की चुप्पी सब कुछ बता नहीं रही है? यह घातक है। इसलिए मैं फिर से पूछूंगा कि हमने कितने भारतीय विमान खो दिए क्योंकि पाकिस्तान को पहले से पता था?’ उन्होंने आरोप लगाया कि यह कोई चूक नहीं थी, बल्कि यह एक अपराध था। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि देश को सच जानने का हक है।
विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा-खेड़ा
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘राहुल गांधी ने विदेश मंत्री के बयान पर कुछ सवाल पूछे हैं। यह बहुत महत्वपूर्ण इसलिए हो जाता है, क्योंकि पिछले एक हफ्ते में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अलग-अलग देशों में एक बात दोहराते रहे कि उन्होंने युद्ध रुकवाने में मध्यस्थता की।’उन्होंने कहा, ‘ट्रंप ने एक बहुत खौफनाक बात यह भी बोली कि उन्होंने भारत को व्यापार रोकने की धमकी देकर युद्ध रुकवाया। यानी सिंदूर का सौदा होता रहा, प्रधानमंत्री चुप रहे। विदेश मंत्री के मुंह से एक शब्द नहीं निकल रहा।’
‘इसे कूटनीति नहीं बल्कि मुखबिरी कहते हैं’
खेड़ा ने दावा किया, ‘हमें नहीं मालूम कि अमेरिका और चीन के पास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री और भाजपा के नेताओं के ऐसे कौन से राज हैं, क्योंकि इनका कभी अमेरिका और चीन के आगे मुंह नहीं खुलता। जब भी मुंह खुलता है तो सीधा क्लीन चिट देने के लिए खुलता है।’उनका कहना था, ‘पूरे देश और दुनिया को मालूम है कि इस युद्ध में चीन की क्या भूमिका रही है और अमेरिका ख़ुद इस युद्ध को रोकने में अपनी भूमिका आगे बढ़-चढ़कर बता रहा है, लेकिन जयशंकर जी का मुंह नहीं खुलता।’ खेड़ा ने आरोप लगाया कि विदेश मंत्री ने जो किया है, उसे कूटनीति नहीं, बल्कि मुखबिरी कहा जाता है। उन्होंने सवाल किया, ‘क्या इसी मुखबिरी की वजह से मसूद अजहर जिंदा बच गया और हाफिज सईद जिंदा भाग गया?’
