ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को बड़ी शिकस्त मिली थी. मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद तनाव बना हुआ है. ऐसे में पाकिस्तान ने एक बड़ा कदम उठाया है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश की स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एक नई “आर्मी रॉकेट फोर्स” के गठन की घोषणा की है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब हाल ही में उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. विश्लेषकों का मानना है कि यह नई फोर्स सीधे तौर पर भारत को ध्यान में रखकर बनाई गई है.
“टेक केयर भालोबासा” अब शूटिंग फ्लोर पर — बड़े पर्दे पर आ रही है रिश्तों की नई कहानी
क्या है पाकिस्तान का नया प्लान
शहबाज शरीफ ने कहा कि यह नई रॉकेट फोर्स आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस होगी और पाकिस्तानी सेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी. रॉयटर्स ने एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के हवाले से बताया कि इस फोर्स का अपना अलग कमांड स्ट्रक्चर होगा, जो किसी भी युद्ध स्थिति में मिसाइलों के मैनेज और तैनाती के लिए जिम्मेदार होगा. साथ ही, अधिकारी ने साफ कहा, “यह स्पष्ट है कि यह भारत के लिए है.”
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की मजबूरी
मई में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की मिसाइलों ने पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाया था. भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया था. इसके अलावा, भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (मैक 3 स्पीड) ने पाकिस्तान के एयरबेस को निशाना बनाकर युद्ध का रुख मोड़ दिया था.
भारत vs पाकिस्तान: मिसाइल ताकत का अंतर
पाकिस्तान की मिसाइल तकनीक भारत के मुकाबले काफी पीछे है.
- भारत के पास अग्नि-V (5,000+ किमी रेंज) और ब्रह्मोस (हाइपरसोनिक वर्जन पर काम चल रहा है) जैसी मिसाइलें हैं.
- पाकिस्तान की शाहीन-III (2,750 किमी) और अबाबील (2,200 किमी, MIRV क्षमता अभी पुष्टि नहीं हुई है) मिसाइलें रेंज और तकनीक में पीछे हैं.
क्या पाकिस्तान भारत को टक्कर दे पाएगा
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह कदम भारत के सामरिक दबाव का जवाब है, लेकिन तकनीकी अंतर को पाटना आसान नहीं होगा. भारत न केवल मिसाइल टेक्नोलॉजी में आगे है, बल्कि उसके पास मिसाइल डिफेंस सिस्टम भी मजबूत हैं.
