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June 17, 2025 9:00 am

पद्मश्री डॉ. जनक पलटा बनीं रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर की गवर्निंग काउंसिल सदस्य, स्मार्ट ग्राम विकास में दिए सशक्त सुझाव

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सनावादिया (म.प्र.)/नई दिल्ली, 15 मई 2025
गाँव सनावादिया निवासी और प्रसिद्ध समाजसेवी व पर्यावरणविद् डॉ. श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन को भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा गठित ‘रूटेज स्मार्ट विलेज सेंटर (RSVC)’ की गवर्निंग काउंसिल का सदस्य नियुक्त किया गया है। कल, 14 मई 2025 को शाम 4:30 बजे, गवर्निंग काउंसिल की प्रथम बैठक आयोजित की गई, जिसमें डॉ. जनक ने सक्रिय भागीदारी की।

 ग्रामीण नवाचार को जमीन से जोड़ने की पहल

बैठक की शुरुआत में समन्वयक ने बताया कि RSVC का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण जरूरतों और तकनीकी प्रगति के बीच की खाई को पाटना है, ताकि नवाचार और संधारणीय (सस्टेनेबल) समाधान सीधे समुदायों तक पहुंचे।
इस केंद्र के माध्यम से सैटेलाइट डेटा, जल निगरानी किट, IoT, सौर ऊर्जा, जैविक उर्वरक, सहायक तकनीक, और आजिविका-केंद्रित नवाचार को ग्रामीणों के लिए सुलभ बनाना प्राथमिक लक्ष्य है।

डॉ. जनक पलटा का योगदान और सुझाव

बैठक में डॉ. जनक पलटा का परिचय देते हुए बताया गया कि वे:

  • पद्मश्री पुरस्कार (2015) से सम्मानित समाजसेवी हैं।

  • सस्टेनेबल विकास, महिला सशक्तिकरण, और पर्यावरण संरक्षण के लिए वर्षों से कार्य कर रही हैं।

  • मध्यप्रदेश स्थित “जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट” की सह-संस्थापक हैं।

  • अब तक 3 लाख से अधिक लोगों को सोलर कुकर से खाना पकाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं।

डॉ. जनक ने बैठक में अपने सुझाव साझा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ड्रायर, सोलर थर्मल पेराबोलिक कुकर, और जैविक सेतु जैसी सस्टेनेबल तकनीकों को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने यह भी बताया कि महेश्वर के पास माटमोर गाँव में उनके एक प्रशिक्षित युवा ने इन तकनीकों को अपनाकर अपने जीवन को सतत विकास की दिशा में समर्पित कर दिया है, जिसने एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है।

सशक्त ग्रामीण भारत की दिशा में एक कदम

डॉ. जनक पलटा की सक्रिय भागीदारी और सुझावों से स्पष्ट है कि RSVC के माध्यम से न केवल तकनीकी नवाचार, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय जागरूकता को भी ग्रामीण भारत की मुख्यधारा में लाया जाएगा।

डॉ. जनक पलटा का यह योगदान आने वाले समय में स्मार्ट गांवों की अवधारणा को मजबूती देने वाला साबित हो सकता है, जो ‘विकास’ और ‘प्रकृति’ के बीच संतुलन की मिसाल पेश करता है।

sanjeevni today
Author: sanjeevni today

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