सत्य साई ग्राम, मुद्देनहल्ली । 17 अगस्त 2025— आज कर्नाटक स्थित सत्य साई ग्राम में ‘वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन’ ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) के सहयोग से ‘वन वर्ल्ड वन फेमिली’ विश्व सांस्कृतिक महोत्सव-2025 के तत्वाधान में एक भव्य वैश्विक एकजुटता का आरम्भ किया।
यह 100 दिवसीय महोत्सव संस्कृति, अध्यात्म, सेवा एवं साझा मानवता के उत्सव में विश्व के 100 देशों को एकसूत्र में पिरोएगा।
पावन परम्पराओं से लेकर आधुनिक अभिव्यक्तियों तक, अंतरधार्मिक संवाद से लेकर कलात्मक प्रस्तुतियों तक, यह महोत्सव इस एक सरल सत्य की पुनः घोषणा करना चाहता है कि सीमाओं एवं विभाजनों के होते हुए भी यह विश्व अब भी एक परिवार के रूप में खड़ा हो सकता है।
भारत सरकार के माननीय संस्कृति मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने समस्त सहभागी राष्ट्रों का हार्दिक स्वागत करते हुए इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के सहयोग से भारत की समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष सांस्कृतिक प्रदर्शनी की घोषणा की।
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के बेंगलुरु स्थित दक्षिणी क्षेत्रीय केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक श्री महेन्द्र डी ने इस महोत्सव के सौहार्द एवं एकता के दर्शन के प्रति अपने प्रबल समर्थन प्रकट किया।
मिशन ‘कर्मयोगी भारत’ के अध्यक्ष एवं कला क्षेत्र फॉउंडेशन के पूर्व अध्यक्ष तथा पद्मभूषण पुरस्कृत श्री सुब्रमण्यन रामदोराई ने महोत्सव के संदेश—“देखभाल एवं सहभागिता, उदारता, सद्भावना, सहमति तथा सहयोग” पर विशेष बल दिया।“
कर्नाटक के सीरा के माननीय विधायक तथा कर्नाटक राज्य के दिल्ली स्थित विशेष प्रतिनिधि डॉ. टी. बी. जयचन्द्रा ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए इसे वैश्विक संस्कृति के उत्सव तथा प्रेम एवं सेवानिष्ठ परम्परा की अविरल धारा का निरन्तर प्रवाह बताया।
मुख्य उद्बोधन प्रदान करते हुए “वन वर्ल्ड वन फेमिली मिशन” के संस्थापक सद्गुरु श्री मधुसूदन साई ने संस्कृति को “संयोजन, सरोकार, सहयोग, सहअस्तित्व एवं सहसृजन” के रूप में परिभाषित किया और सम्पूर्ण विश्व को एकता, प्रेम एवं शान्ति के शताब्दिक अनुभव में सम्मिलित होने के लिए आमन्त्रित किया।
कार्यक्रम का समापन श्री सत्य साई मानव अभ्युदय विश्वविद्यालय (श्री सत्य साई यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस) के विद्यार्थियों एवं अध्यापकों द्वारा प्रस्तुत एक सशक्त सांस्कृतिक आयोजन “वन्दे मातरम्” के साथ हुआ, जिसने आगामी दिनों के लिए दिशा एवं ध्वनि दोनों ही निर्देशित की।
विश्व सांस्कृतिक महोत्सव 2025, इस सम्पूर्ण आयोजन को भौगोलिक सीमाओं, आस्थाओं एवं परम्पराओं से परे जाकर मानवता को जोड़ने वाले मूल्यों को प्रकाशित कर, संस्कृति एवं अध्यात्म के वैश्विक विनिमय की एक युगांतकारी घटना सिद्ध करने हेतु वचनबद्ध है।
