पिरामल स्वास्थ्य संस्था व एनटीईपी के संयुक्त तत्वाधान में ग्लोबल फंड द्वारा पोषित एवं KHPT के सहयोग से इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट के अंतर्गत दिनांक 27 जून 2025 को जयपुर डीटीसी प्रथम के टीबी विजेताओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य टीबी विजेताओं को आवश्यक कौशल और ज्ञान प्रदान करना था, जिससे वे समुदाय में तपेदिक (टीबी) के प्रति जागरूकता फैलाने और इस बीमारी से जुड़े मिथकों को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकें।
इस कार्यक्रम में जयपुर जिले के चयनित टीबी विजेताओं ने भाग लिया। साथ ही, उन्हें यह भी सिखाया गया कि वे आयुष्मान मंदिर के अंतर्गत आने वाले समुदाय को टीबी से जुड़ी जानकारी देने और उपचार के लिए प्रेरित करने में कैसे योगदान कर सकते हैं।
कार्यक्रम के दौरान जयपुर डीटीसी प्रथम से रिचा त्रिवेदी डीपीपीएम और नीतिका शेखावत डीपीसी ने सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और टीबी विजेताओं को प्रेरित किया गया कि वे अन्य मरीजों को इलाज के लिए प्रोत्साहित करें और टीबी से जुड़े सामाजिक कलंक को समाप्त करने में अपनी भूमिका निभाएं। यह पहल आयुष्मान भारत योजना और राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत किए जा रहे प्रयासों का एक अभिन्न हिस्सा है।
स्टेट लीड जितेंद्र गौतम ने टीबी विजेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि वे अपनी व्यक्तिगत कहानियों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
जिला लीड भूपेन्द्र सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों में समुदाय की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके लिए इसी महीने में कम से कम एक गतिविधि समुदाय में आयोजित करना अनिवार्य है, जिससे आप सभी की भागीदारी अभी से शुरू हो सके और टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। एसटीएस जाजू डिस्पेंसरी श्री तेज प्रकाश ने प्रतिभागियों को टीबी के लक्षण, प्रकार, जाँच, दवा, उपचार, निक्षय मित्र और सरकारी योजनाओं के तहत उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी गई।
कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर जितेंद्र वर्मा ने टीबी से जुड़े तकनीकी पहलुओं और स्वच्छता पर जानकारी साझा की।
टीबी विजेताओं ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि इस प्रशिक्षण से उन्हें समुदाय को बेहतर तरीके से समझने और जागरूकता फैलाने में मदद मिलेगी।
पिरामल स्वास्थ्य संस्था के इम्पैक्ट इंडिया प्रोजेक्ट ने इस कार्यक्रम के माध्यम से अपनी प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। संस्था का मानना है कि टीबी उन्मूलन की दिशा में सामुदायिक नेतृत्व और जागरूकता फैलाने वाले प्रयास ही इस लक्ष्य को साकार कर सकते हैं।
