बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान पर पूर्व डिप्टी सीएम और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें दो बार मैंने ‘मुख्यमंत्री’ बनाया. तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उन्होंने नीतीश कुमार को दो बार मुख्यमंत्री बनाने और उनकी पार्टी को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. दरअसल, सीएम नीतीश ने बिहार असेंबली में कहा कि ‘लालू यादव’ को हमने ही बनाया था. तेजस्वी के अलावा आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने निशाना साधते हुए कहा कि आपको लालू का आदमी कहा जाता था.
नीतीश कुमार क्या कहते हैं, भूल जाइए…
तेजस्वी यादव ने पटना की एक रैली में कहा कि कल नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा कि उन्होंने लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाया. नीतीश कुमार क्या कहते हैं, इसे भूल जाइए…लेकिन नीतीश कुमार को याद रखना चाहिए कि उनसे पहले भी मेरे पिता दो बार विधायक और एक बार सांसद चुने जा चुके थे. लालू यादव को भूल जाइए, लालू जी ने कई प्रधानमंत्री बनाए हैं. यह मैं ही था जिसने उन्हें दो बार मुख्यमंत्री बनाया और उनकी पार्टी को बचाया.
2015 में महागठबंधन के साथ मिलकर नीतीश बने सीएम
2015 में जब महागठबंधन बना था, तब आरजेडी 80 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. नीतीश कुमार की जेडी (यू) ने 71 सीटें जीती थीं, लेकिन आरजेडी ने कम सीटों के बावजूद नीतीश कुमार को सीएम पद पर बने रहने दिया था.
2022 में छोड़ा बीजेपी का साथ 2024 में मारी पलटी
2022 में महागठबंधन से अलग होने के चार साल से ज्यादा समय बाद नीतीश कुमार ने दूसरी बार भाजपा के साथ अपना अलायंस तोड़ दिया, उन्हें डर था कि अगर उन्होंने गठबंधन जारी रखा तो उनकी पार्टी टूट जाएगी. वे महागठबंधन में वापस आ गए और फिर से वह मुख्यमंत्री बने. गठबंधन एक साल से ज्यादा समय तक चला और जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने फिर पलटी मारी और लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ वापस आ गए. आपको बता दें कि महागठबंधन की सरकार में दोनों बार तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे.
नीतीश कुमार लालू जी की टीम का हिस्सा थे- मनोज झा
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि मुझे अब नीतीश कुमार की चिंता हो रही है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह ऐसी भाषा बोल रहे हैं. आप लालू जी की टीम का हिस्सा थे, आपको लालू जी का आदमी कहा जाता था. उन्होंने कहा कि कल तेजस्वी यादव ने बिना किसी कटुता के ऐतिहासिक विश्लेषण, समसामयिक चुनौतियों और भविष्य की रूपरेखा बताई, उन्होंने तर्क के आधार पर सारी बातें बताईं. नीतीश कुमार ने इसका जवाब नहीं दिया. आप सृष्टि के रचयिता हैं, आप ब्रह्मा हैं. अगर आजकल आपके मन में ऐसे विचार आ रहे हैं, तो मुझे आपकी और भी चिंता हो रही है.
विधानसभा में क्यो बोले नीतीश कुमार
मंगलवार को बिहार विधानसभा में अपने भाषण के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने दावा किया था कि उन्होंने बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक करियर को आकार देने में ‘महत्वपूर्ण भूमिका’ निभाई थी. उन्होंने कहा था कि यहां तक कि लालू यादव की जाति (यादव) के लोगों ने भी उन्हें मुख्यमंत्री बनाने से इनकार कर दिया था, लेकिन मैंने उनका समर्थन किया. मैंने आपके पिता लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाया.
जेपी आंदोलन से निकले दोनों नेता
सीएम नीतीश ने यह भी दावा किया कि 1990 में लालू यादव को मुख्यमंत्री बनाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब शीर्ष पद के लिए लालू और राम सुंदर दास के बीच खींचतान चल रही थी. लालू यादव और नीतीश कुमार ने अपना राजनीतिक जीवन 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन के दौरान छात्र नेता के रूप में शुरू किया था. नीतीश और लालू की राइवलरी बिहार की राजनीति के इतिहास में सबसे बड़ी राइवलरी मानी जाती है.
1990 में जब जनता दल ने बिहार चुनाव जीता था, तब नीतीश कुमार उनकी कोर टीम का हिस्सा थे. लेकिन चार साल बाद उन्होंने लालू प्रसाद के खिलाफ बगावत कर दी और पार्टी छोड़ दी और जॉर्ज फर्नांडिस के साथ मिलकर समता पार्टी बना ली. तब से वे एक-दूसरे के विरोधी हैं, हालांकि महागठबंधन के दिनों में दोनों के बीच कुछ समय के लिए समझौता हो गया था.
