महाराष्ट्र के शिरडी के रहने वाले एक फूल कारोबारी ने जिस तरह से एक महिला को जीवन दान दिया उसकी चर्चा चहू ओर हो रही है। वो भी कार से 440 किलोमीटर का सफर तय करके। जी हां शिरडी के रहने वाले रवींद्र अष्टेकर को जब पता चला की एक महिला की हालत गंभीर है और उसे O बॉम्बे ब्लड ग्रुप की आवश्यकता है तो उन्होंने बिना देरी किए कार के माध्यम से शिरडी से इंदौर तक करीब 440 किलोमीटर का सफर तय किया और महिला को रक्त देकर उसको जीवन दान दिया।
फूलों का कारोबार करने वाले रवींद्र अष्टेकर बीते शनिवार को कार से इंदौर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने 440 किलोमीटर का सफर तय किया था। अष्टेकर का कहना है कि वह इसे पहले भी अलग अलग राज्यों में आठ बार रक्तदान कर चुके है। बताया जा रहा है कि इंदौर की सामाजिक संस्था ‘दामोदर युवा संगठन’ ने महिला मरीज के लिए O बॉम्बे ब्लड ग्रुप रक्त जुटाने में मदद की थी।
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मरीज की बहन ने दिया ब्लड
डॉक्टरों के अनुसार महिला को ब्लड देने के लिए कोई डोनर नहीं मिला, इसके बाद एमवायएच ब्लड बैंक से संपर्क किया गया, वहां भी ब्लड नहीं मिला, लेकिन मरीज की बड़ी बहन में वही ब्लड ग्रुप मिला तो एक यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। इसके बाद दर्लभ ब्लड की खोजबीन की गई तो शिरडी के रहने वाले रवींद्र अष्टेकर ने रक्तदान करने के लिए इंदौर आने को कहा। वही वर्धा में रोहित और नागपुर में एक अन्य ने रक्तदान किया जिसे फ्लाइट से इंदौर लाया गया। महिला को दुर्लभ रक्त चढ़ाने के लिए उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है।
आपको बता दें कि बॉम्बे ब्लड की खोज 1952 में की गई थी। यह दुर्लभ रक्त माना जाता है। इस दुर्लभ रक्त वाले भारत में केवल 180 लोग हैं। ये ब्लड ग्रुप भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मध्य पूर्व के कुछ लोगों में ही पाया जाता है।