Explore

Search

October 15, 2025 9:41 am

अब हिंदुस्तान में नहीं होगी Quad की बैठक……’India-US के झगड़े के बीच ये क्या हो गया…..

WhatsApp
Facebook
Twitter
Email

अमेरिका के राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद डोना्ड ट्रंप एक के बाद एक ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिसके बाद पूरी दुनिया में जियोपॉलिटिक्स की परिभाषा ही बदल गई है। हालांकि समीकरण और संबंध समय रहते हर बार  बदलते हैं। लेकिन इतनी जल्दी बदलेंगे इसका अंदाजा किसी को नहीं था। 2019 की ही बात है जब क्वाड को मजबूत करने की दिशा में बड़ेफैसले लिए गए थे। खुद डोनाल्ड ट्रंप इसे लेकर आगे बढ़ रहे थे। जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका मिलकर पूरी दुनिया में खासकर इंडो पैसेफिक क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम करने में भूमिका निभाएंगे ये प्रतिबद्धता तय हुई थी। लेकिन वक्त के साथ सब बदल गया। इतना की अब क्वाड की बैठक को लेकर ही सवाल उठ रहे हैं।

Jacqueline Fernandez: जैकलीन के बर्थडे पर ठग सुकेश ने लिखा लव लेटर…..’जेल में बैठे-बैठे 25 करोड़ का दान……

साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हालात अगर ऐसे ही बने रहे तो इसकी संभावना है कि इस साल भारत में क्वाड की बैठक नहीं होगी। यानी क्वाड की मीटिंग को स्थानांतरिक किया जाएगा। या हो सकता है कि इस मीटिंग को पोस्टपोन किया जाए।

29 दिसंबर 2004 को अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश ने घोषणा की कि भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका मिलकर एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाएंगे। जिसका उद्देश्य होगा सुनामी में पानी में फंसे लोगों को बचाने, राहत पहुंचाने, बेघर लोगों के पुर्नवास, बिजली कनेक्टिवीटी और अन्य सेवाओं को बहाल करने के लिए काम करना होगा। सुनामी राहत का ये मिशन खत्म हुआ तो इस गठबंधन का एक नया ढांचा क्वाड के रूप में सामने आया। क्वाड की स्थापना 2007 में हुई। जिसका मकसद चीन के विस्तारवाद पर लगाम लगाना है।

इस साल क्ववाड की अध्यक्षता भारत के पास है। यानी अमेरिका के राष्ट्रपति को इस साल भारत आना था। सिर्फ अमेरिका ही नहीं जापान और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों को भी भारत आना था। इस सम्मेलन में हिस्सा लेना था। इंडो पैसेफिक क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जाहिर करनी थी। लेकिन पहले 200 दिनों में कुछ ऐसा हुआ कि रातों रात क्ववाड को लेकर लोगों का नजरिया बदल गया। जिस इंडो पैसेफिक क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी नीति के खिलाफ में क्वाड को खड़ा किया गया। आज वही क्वाड लड़खड़ा रहा है। चीन में इस बात की जबरदस्त खुशी है।

इस आर्टिकल में कहा गया है कि बीजिंग ज़रूर संतोष के साथ देख रहा होगा क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 200 दिनों से भी कम समय में अपने पहले कार्यकाल की कुछ विदेश नीति विरासतों में से एक हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने वाला नाज़ुक गठबंधन क्वाड को ध्वस्त करने के क़रीब पहुँच गए हैं। भारत और जापान –बीजिंग को संतुलित करने में वाशिंगटन के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय साझेदार के साथ टैरिफ़, प्रतिबंधों की धमकियों और भड़काऊ बयानबाज़ी के ज़रिए ट्रंप द्वारा जानबूझकर संबंधों को तनावपूर्ण बनाने के पीछे का तर्क अभी भी अस्पष्ट है, और संभवतः रणनीतिक सामंजस्य से ज़्यादा घरेलू राजनीतिक दिखावे से प्रेरित है।

Seema Reporter
Author: Seema Reporter

ताजा खबरों के लिए एक क्लिक पर ज्वाइन करे व्हाट्सएप ग्रुप

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
लाइव क्रिकेट स्कोर