उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए आउटसोर्स कर्मचारियों को राहत दे दी है। परिवहन निगम में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के जरिए नियुक्त परिचालकों का भी ट्रांसफर हो सकेगा। परिचालकों की सुविधा, निगम की कार्यक्षमता और राजस्व में बढ़ोतरी की दिशा में उठाया गया है, जिससे बेहद महत्वपूर्ण काम हो सकेगा.
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आपसी सहमति जरूरी
परिवहन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था के मुताबिक परिचालकों की नियुक्ति जहां होती है उन्हें उस स्थान पर ही सेवाएं देनी होती है। मगर अब ऐसे परिचालक जो कम से कम छह महीने की सेवा दे चुकें हैं और 30 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर चुके है उनका ट्रांसफर आपसी सहमति से हो सकता है। ऐसे में दूरदराज के क्षेत्रों में तैनात परिचालक अपने गृह जनपद या उसके पास के स्थान पर भी सर्विस दे सकेंगे। इससे उन्हें छुट्टियां भी कम लेनी होंगी जिससे गाड़ी परिचालन में समस्या नहीं होगी.
जनता को भी मिलेगा सीधा लाभ
इस संबंध में परिवहन मंत्री का कहना है कि परिचालकों की नियमित उपलब्धता होने से वर्किंग दिनों की संख्या में इजाफा होगा। बसों की संख्या भी बढ़ेगी जिससे यात्रियों को आसानी होगी। इससे परिवहन विभाग की आय भी बढ़ेगी। यात्रिों को समय से और नियमित रूप से बसें मिलेंगी, जिससे विभाग पर भी यात्रियों का भरोसा जागेगा। योगी सरकार का यह फैसला परिचालकों और जनता के लाभ के लिए है।
