सीकर। मौके पर कहीं तीन मंजिला हॉस्टल बना हुआ और कहीं स्कूल…। लेकिन भवन मालिकों ने नियमों को ताक पर रखकर खाली जमीन के हिसाब से रजिस्ट्री करा ली। अब विभाग ने सीकर, चूरू और झुंझुनूं जिले में लगभग 16 करोड़ की चोरी का खेल पकड़ा है। विभाग की ओर से ऐसे 430 से अधिक लोगों को नोटिस जारी किए है।
नोटिस के बाद भी विभाग में वसूली जमा नहीं कराने वालों के भवनों को कुर्क करने सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी। अकेले सीकर जिले में 10 करोड़ की पंजीयन फीस की चोरी का मामला सामने आया है। यहां 250 भवन मालिकों को नोटिस जारी किए गए है। वहीं सीकर शहर में लगभग दो करोड़ की वसूली की जाएगी।
शहर में शुरू हुई कार्रवाई
शहर में नोटिस के बाद भी राशि जमा नहीं करने वालों के खिलाफ शनिवार को सब रजिस्ट्रार सत्यवीर सिंह की अगुवाई में कार्रवाई की। विभाग ने फतेहपुर रोड, नवलगढ़ रोड व पिपराली रोड इलाके में छह स्थानों पर कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि वसूली के लिए कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि कई लोगों को पिछले दिनों नोटिस जारी किया था। इसके बाद भी वसूली राशि जमा नहीं कराने पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
दर्ज हो सकती है एफआइआर
गलत तथ्यों के आधार पर रजिस्ट्री कराने के मामले में विभाग की ओर से एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। विभाग का दावा है कि पहले सभी को सुनवाई का पूरा मौका दिया गया। इसके बाद ही जुर्माना तय किया गया है।
ऐसे समझें फर्जीवाड़े का खेल
1. बना दिया स्कूल, रजिस्ट्री में खाली जमीन: जयपुर-झुंझुनूं बाईपास इलाके में एक संस्थान की ओर रजिस्ट्री कराई गई। विभाग का दावा है कि इस दौरान स्कूल का भवन बनकर तैयार था। इसके बाद भी रजिस्ट्री खाली जमीन की कराई गई। इस मामले में विभाग ने अब संस्थान को 34 लाख रुपए का नोटिस दिया है। अगले तक राशि जमा नहीं कराने पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई जारी रहेगी: डीआईजी स्टाम्प
विभाग की ओर से रजिस्ट्री वाले स्थानों का मौका देखा गया। कई में गड़बड़ सामने आने पर अलग-अलग टीम बनाकर अभियान शुरू किया गया। वहीं कुछ लोगों की शिकायत भी दर्ज हुई थी। सीकर, चूरू व झुंझुनूं जिले में लगभग 16 करोड़ की वसूली की जानी है। इसमें से सिर्फ दस करोड़ की वसूली सीकर जिले में होनी है। अभियान के तहत कार्रवाई लगातार जारी है। जांच में सामने आया कि कई लोगों ने रजिस्ट्री में जमीन को खाली बताया गया, जबकि मौके पर दो से तीन मंजिला भवन बने हुए मिले।
-नीरज मीणा, डीआईजी स्टाम्प, सीकर
