नया इनकम टैक्स बिल टैक्स रिफॉर्म की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके लागू होने पर 65 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के नियम और कानून खत्म हो जाएंगे। नए इनकम टैक्स बिल की भाषा काफी आसान है। वाक्य छोटे हैं। उन प्रावधानों को खत्म कर दिया गया है, जिनकी जरूरत अब नही रह गई है। सबसे खास बात यह कि नए बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट की परिभाषा तय की गई है। इससे क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स के नियमों को लेकर असमंजस खत्म हो जाएगा। सरकार ने तीन साल पहले कहा था कि वह वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए व्यापक नियम और कानूनों का ऐलान करेगी।
मौजूदा एक्ट के मुकाबले 50 फीसदी कम शब्दों का इस्तेमाल
ग्रांट थॉर्नटन भारत के पार्टनर (ग्लोबल पीपल सॉल्यूशंस लीडर) अखिल चांदना ने कहा, “नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स स्लैब को टेबल में पेश किया गया है। डिजिटल कंप्लायंस पर जोर दिया गया है। इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग, विवादों के समाधान और एसेसमेंट की प्रक्रिया आसान बनाई गई है। इससे टैक्स से जुड़े विवाद के मामलों में कमी आएगी।” नए इनकम टैक्स बिल (New Income Tax Bill) में 2.56 लाख शब्द हैं। यह मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट से करीब 50 फीसदी कम है। इसमें करीब 5 लाख शब्द हैं।
टैक्स के नियमों की भाषा आसान बनाने पर फोकस
एक्सपर्ट्स का कहना है कि नए इनकम टैक्स बिल में कैपिटल गेंस टैक्स के स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं किया गया है। लैंग्वेज को आसान बनाने और शब्दों की संख्या घटाने के बावजूद टैक्स के नियमों में बदलाव नहीं किया गया है। नए बिल में 67 ऐसे क्लॉज हैं, जिनमें कैपिटल गेंस के प्रावधान हैं। क्लॉज 196 में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के बारे में बताया गया है। क्लॉज 197 में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस पर टैक्स के नियमों के बारे में बताया गया है।
नए नियम लागू होने पर बढ़ेंगा टैक्स कंप्लायंस
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार ने पहले ही साफ कर चुकी है कि नए इनकम टैक्स बिल का मकसद नियमों की भाषा को आसान बनाना है। अलग-अलग तरह की इनकम पर टैक्स के रेट्स में बदलाव का प्रस्ताव इसमें शामिल नहीं है। सरकार का मानना है कि टैक्स के नियमों की भाषा आसान होने से लोगों की दिलचस्पी कंप्लायंस में बढ़ेगी।
अभी सिर्फ 3 करोड़ लोग चुकाते हैं इनकम टैक्स
अभी 150 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले देश में सिर्फ 8 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। इनमें से भी करीब 5 करोड़ लोग टैक्स नहीं चुकाते हैं। वे सिर्फ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं। इसका मतलब है कि ऐसे लोगों की संख्या सिर्फ 3 करोड़ है, जो सरकार को इनकम टैक्स देते हैं।
