गाजा के जबालिया में इजरायली सेना और हमास के लड़ाकों के बीच भारी संघर्ष देखने को मिल रहा है. इजरायल का कहना है कि हमास के लड़ाके एक बार फिर जबालिया में इकट्ठा हो गए हैं. ऐसे में उन्हें खत्म करने के लिए सैन्य अभियान चलाया जा रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की ओर से जारी वीडियो में इजरायली टैंकों को जबालिया के रिफ्यूजी कैंपों की ओर बढ़ते देखा जा सकता है.
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा और मिस्र के सीमा पर मौजूद रफाह में भी सैन्य अभियान चलाने की बात कही है. मेमोरियल डे भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हम हमास को मिटाकर कर ही दम लेंगे. चाहे इसके लिए कोई भी कीमत चुकानी पड़े. इसके साथ ही उन्होंने हमास की कैद से बंधकों को हर हाल में वापस लाने की बात भी कही है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि गाजा में मारे गए लोगों की कुल संख्या में आधे हमास के लड़ाके हैं. उन्होंने आम लोगों के मौत के आंकड़े को गलत बताया है.
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पिछले हफ्ते इजरायली सेना ने रफाह में रह रहे फिलिस्तीनियों को शरणार्थी कैंप छोड़कर ख़ान यूनिस और अल-मवासी की ओर जाने के आदेश दिए थे. इसके बाद अबतक तीन लाख फिलिस्तीनी रफाह छोड़ चुके हैं. कहा जा रहा है जल्द ही इजरायल रफाह पर धावा बोल सकता है. उसका दावा है कि हमास के कई ब्रिगेड रफाह में मौजूद है, जोकि इजरायली सैनिकों पर लगतार हमले कर रहे हैं.
वहीं हमास ने रफाह में अपनी मौजूदगी से इनकार किया है. इस बीच अमेरिका ने एक बार फिर रफाह में इजरायली सैन्य अभियान का विरोध किया है. इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी इजरायल से रफाह में सैन्य अभियान ना चलाने की अपील की है. रफाह ही एक ऐसा इलाका है जहां अभी तक इजरायली सैनिक नहीं पहुंचे हैं. यदि यहां इजरायल सैन्य अभियान चलाता है तो भारी तबाही तय है.
फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर निकले लोग
हमास और इज़रायल के बीच युद्ध को सात महीने से ज़्यादा हो गए हैं. तब से आज तक विरोध प्रदर्शन का दौर भी जारी है. सोमवार को भी सैकड़ों की तादाद में लोग वेस्ट बैंक के हेब्रोन में फिलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर निकले और बैनर-पोस्टर लेकर गाजा में संघर्ष को खत्म करने के लिए अरब देशों से फौरन कार्रवाई करने का आह्वान किया. अमेरिका से भी लोगों ने अपील की है.
गाजा में नरसंहार रोकने और युद्धविराम के लिए अमेरिका समेत पूरे यूरोप में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इसकी आग यूनिवर्सिटी में भी देखी जा रही है. नीदरलैंड्स के एम्सटर्डम यूनिवर्सिटी में कुछ ऐसा ही सोमवार को देखने को मिला. यहां छात्र और स्टाफ बुधवार को पुलिस की कार्रवाई से नाराज दिखे. दोनों के बीच जमकर झड़प भी हुई.. छात्रों पर पुलिस की हिंसक कार्रवाई की कड़ी निंदा की गई है.
इजरायल से नाराज अमेरिका ने दिखाए तल्ख तेवर
पहली बार गाजा में चल रही जंग को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए इजरायल की कड़े शब्दों में निंदा की है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिकंन ने स्पष्ट कहा कि इजराइल ने गाजा में अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून को तोड़ा है. उसने अपने दायित्वों के साथ असंगत कार्य किया है. यही नहीं उन्होंने इजरायल को गाजा से बाहर निकलने की भी बात कही है. ये बयान अबतक का सबसे तल्ख बयान है.
गाजा में सैन्य कार्रवाई की यूएन ने की आलोचना
बताते चलें कि फिलिस्तीनियों के खिलाफ इजरायली सैन्य कार्रवाई की संयुक्त राष्ट्र आलोचना कर चुका है. यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि गाजा में मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या बहुत ज्यादा है. केन्या की राजधानी नैरोबी में एक सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रूस के हमले में यूक्रेन में पिछले दो सालों में जितने लोग नहीं मारे गए, उससे कही अधिक लोग पिछले कुछ महीने में गाजा में हताहत हुए हैं.
यूएन महासचिव ने रफाह में इजरायली सैन्य कार्रवाई को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इससे भारी विनाश तय है. वहीं इन चेतावनी के बावजूद इजरायल दक्षिणी गाजा के रफाह में व्यापक पैमाने पर सैन्य ऑपरेशन चला रहा है. इस वजह से वहां पनाह लेने वाले लोगों पर इसके भयावह और विनाशकारी असर देखने को मिल रहे हैं. रफाह में गाजा की 22 लाख आबादी के आधे से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं.
तुर्किए के राष्ट्रपति ने अमेरिका पर लगाया आरोप
उधर, इजरायल और हमास के बीच सीजफायर ना होने पर तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने पश्चिमी देशों को आड़े हातों लिया है. राष्ट्रपति आर्दोआन ने दावा किया कि अमेरिका और यूरोपीय देश गाजा में युद्धविराम के लिए इजरायल पर दबाव बनाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. उन्होंने गाजा में इजरायली हमलों की निंदा करते हुए तत्काल युद्धविराम की भी अपील की है.