झारखंड के बाद अब दिल्ली के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिलने पर केंद्रीय मंत्री एवं हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी के द्वारा अपना दर्द बयां किए जाने पर सियासत गर्मा गई है। दरअसल, जहानाबाद में एक रैली के दौरान मांझी ने कहा था कि हमें धोखा दिया गया। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में ये धोखा नहीं चलने वाला। मांझी के बयान के बाद बिहार की सियासत में बवाल मच गया है। इसको लेकर अलग-अलग दलों की ओर से इस पर प्रतिक्रिया सामने आई हैं। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि मांझी का अपमान कौन कर सकता है? उन्होंने कहा कि एनडीए में औकात दिखाने की जरूरत नहीं। बिहार में मां-पिता पालन पोषण अधिनियम लागू है। यहां कोई भी बुजुर्ग व्यक्ति को अपमानित नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते अपमान कैसे संभव है? मांझी की पार्टी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हैं, बिहार के मंत्रिमंडल में भी शामिल हैं। नीरज कुमार ने कहा कि एनडीए के जिला स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित जिले के नेता भाग ले रहे हैं। एनडीए में कहीं कोई दरार नहीं बल्कि करार है 2025 में फिर से नीतीश।
इसमें ‘हम’ पार्टी की भी साझेदारी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में जीतन मांझी को सीटें क्यों नहीं मिलीं, इस संदर्भ में हम कुछ नहीं कह सकते। वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुंतल कृष्णा ने कहा कि एनडीए एक परिवार है और परिवार के लोग ही चुनाव लड़ते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को उखाड़कर फेंकना है।
वहां किसी भी दल का उम्मीदवार हो वह एनडीए के सभी दल के उम्मीदवार हैं, इसीलिए इस मामले का कोई मतलब नहीं है और हम लोग एक परिवार की तरह हैं। उधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतन राम मांझी एक अनुभवी नेता हैं। उन्हें भाजपा का चाल चरित्र पता होना चाहिए।
मांझी जिस समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। अपने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए अपमान सह रहे हैं। आपकी (मांझी) हैसियत और औकात भाजपा ने बता दी। अब आप रो रहे हैं। आप कुर्सी को लात मारिए और जो लड़ाई तेजस्वी यादव दलित शोषित वंचित के लिए लड़ रहे हैं उसमें भाग लीजिए।