रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने परमाणु शस्त्रागार से “द सेप्टर” नाम की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का खुलासा किया है। ये एक ऐसी मिसाइल है, जिसे छिपी हुई पनडुब्बियों से लॉन्च किया जा सकता है। इस मिसाइल की लॉन्चिंग का वीडियो रूसी सेना ने जारी किया है। इसके बाद से पश्चिम के देशों में इसको लेकर एक चिंता दिख रही है। रूसी सेना की ओर से जारी रोंगटे खड़े कर देने वाले वीडियो में पुतिन के सबसे नए टेस्ट ड्रिल के दौरान पहली बार इस मिसाइल को एक्शन में दिखाया गया है। रूसी भाषा में इस मिसाइल को ‘बुलावा’ कहा जाता है। परमाणु हथियार ले जाने वाली 40 फीट की इस मिसाइल की रेंज करीब 5,160 मील (8,304 किमी) है।
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी सेना के वीडियो क्लिप में दिखाया गया है कि पानी की सतह के नीचे से एक जोरदार विस्फोट हो रहा है। विस्फोट के साथ ही मिसाइल ‘आरएसएम-56 बुलावा’ लॉन्च होती है और धुएं का घना गुबार निकलता है। बेहद तेज गति से चलते हुए पलभर में ही ये बादलों में गायब हो जाती है। रूस के इस अभ्यास को पश्चिम और नाटो के लिए एक सख्त चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
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क्या है इस मिसाइल की खासियत
पनडुब्बी से लॉन्च की जा सकने वाली इस मिसाइल की लंबाई करीब 40 फीट और इसकी रेंज 5,160 मील है। यह 10 गाइडेड परमाणु हथियार ले जा सकती है। इसे कई लक्ष्यों पर हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका वजन 37 टन और पेलोड 1150 किग्रा है। आरएसएम-56 बुलावा को रूस की जमीन, समुद्र और हवा तीनों के लिए अहम परमाणु हथियार के रूप में देखा जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी नेवी के उत्तरी और प्रशांत बेड़े के अधिकारियों को युद्धाभ्यास में सात बोरेई श्रेणी की पनडुब्बियों को तैनात करते देखा गया है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे हथियारों से लैस हैं। 16 बुलावा मिसाइलों को परीक्षणों में रखा गया था, जिनमें से कई को लॉन्च किया गया। बुलावा मिसाइलों के साथ रूसी सफलता का पहला संकेत पिछले नवंबर में आया था, जब रक्षा मंत्रालय ने एक पनडुब्बी से हथियारों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। इसे उत्तरी रूस के पास व्हाइट सी में पानी के नीचे की स्थिति से दागा गया था।
इस मिसाइल को मॉस्को इंस्टीट्यूट ऑफ थर्मल टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है, जिस पर पहली बार काम 1990 के दशक में शुरू हुआ था। कुछ समय पहले पुतिन ने सामरिक परमाणु हथियार परीक्षण का आदेश दिया था क्योंकि रूस ने सीधे तौर पर पश्चिम को पीछे हटने की चेतावनी दी थी। क्रेमलिन ने पश्चिमी अधिकारियों से कहा कि यदि वे यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे तो रूसी परमाणु हथियारों के कारण विश्वव्यापी तबाही मच जाएगी। एक पूर्व अमेरिकी राजदूत ने कहा है कि पुतिन पश्चिम का सामना करने को लेकर बेहद गंभीर हैं और परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से इंकार नहीं किया जा सकता है।