वाराणसी में प्रमुख व्यापारी नेताओं का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

व्यापारी नेता इस मुद्दे पर भारत व्यापार बंद करने के निर्णय पर भी विचार कर सकते हैं

 
व्यापारी नेता इस मुद्दे पर भारत व्यापार बंद करने के निर्णय पर भी विचार कर सकते हैं

नई दिल्ली। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के आह्वान पर देश के 20 हजार से अधिक व्यापारिक संगठनों के कारोबारी नेताओं ने सभी राज्यों के 500 से अधिक जिलों के जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम गुरुवार को दो ज्ञापन सौंपा है। कैट ने यह ज्ञापन ई-कामर्स कारोबार में विदेशी कंपनियों द्वारा लगातार देश के क़ानूनों का खुला उल्लंघन करने और मीडिया में चल रही खबर कि अमेजन ने भारत में अपने वकीलों के जरिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के खिलाफ दिया है।

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कारोबारी संगठन कैट के बैनर तले देश के 20 हजार से ज्यादा व्यवसायिक संगठनों के व्यापारी नेताओं ने सभी राज्यों के 500 से ज्यादा जिलों के जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री के नाम दो ज्ञापन दिए। कैट ने इस ज्ञापन के जरिए ई-कामर्स नियमों को तुरंत लागू करने की मांग की गई है, जबकि दूसरे ज्ञापन में अधिकारियों को अमेजन के वकीलों के जरिए दिए गए कथित रिश्वत मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई है। गौरतलब है कि ई-कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर कारोबारी संगठन कैट 15 सितंबर से 15 अक्टूबर तक एक महीने का ई-कामर्स पर हल्ला बोल का राष्ट्रीय अभियान चला रहा है। राजधानी दिल्ली में यह ज्ञापन कैट ने दिल्ली की डिविजनल कमिशनर मोनिका प्रियदर्शिनी को सौंपा गया। वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, आंध्र प्रदेश सहित सभी राज्यों के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों को ज्ञापन दिया गया।

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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने जारी एक बयान में कहा कि पिछले गत वर्षों में अमेजन ने जिस प्रकार से देश के कानूनों और नियमों का खुला उल्लंघन और धांधली की है। वो बेहद गंभीर और बेहद संगीन मामला है, इस लिहाज से अब यह जरूरी हो गया है कि अमेजन के व्यापार मॉडल की एक समग्र जांच की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को यह स्पष्ट करना पड़ेगा की क्या विदेशी कंपनियों को देश के नियम और कानून के उल्लंघन की इजाज़त दी जा सकती है। प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश के व्यापारी बेसब्री से भारत सरकार के निर्णय का इंतजार करेंगे। उन्होंने ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर विस्तारपूर्वक चर्चा करने के लिए कैट ने अपने राष्ट्रीय गवर्निंग काउंसिल की आपात बैठक आगामी 30 सितंबर एवं 1 अक्टूबर को वाराणासी में बुलाई है, जिसमें देश के सभी राज्यों के चुनिंदा शीर्ष नेता भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि ई-कामर्स पर सरकार द्वारा उठाए गए सभी कदमों की विवेचना कर भविष्य की रणनीति तय करेंगे। व्यापारी नेता इस मुद्दे पर भारत व्यापार बंद करने के निर्णय पर भी विचार कर सकते हैं।

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