दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों के परिजनों को मकान खाली करने के केंद्र के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार से कहा कि सैनिक आपके लिए काम कर रहे हैं और आप उनसे कह रहे हैं कि उनके बच्चे और महिलाएं आवास छोड़ कर बाहर जाएं।

 
दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों के परिजनों को मकान खाली करने के केंद्र के आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दुर्गम इलाकों में तीन साल से ज्यादा समय से तैनात सैनिकों के परिवार के सदस्यों को दिल्ली में जनरल पूल रेजिडेंशियल एकॉमोडेशन में मिले आवास को खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश पर अगले आदेश तक अंतरिम रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश दिया है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार से कहा कि सैनिक आपके लिए काम कर रहे हैं और आप उनसे कह रहे हैं कि उनके बच्चे और महिलाएं आवास छोड़ कर बाहर जाएं। आप केवल सैनिकों के हितों के ही अभिभावक नहीं हैं बल्कि आप उनके परिवारों के भी हितों के अभिभावक हैं, जो अकेले रह रहे हैं।

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कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि आप आम लोगों की समस्या को देखिए। एक वकील और जज के रूप में हमें कतार में नहीं लगना होता है लेकिन सेना में तैनात लोगों को अपने परिवार के लोगों को शिफ्ट करने का भी मौका नहीं मिलता है।

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